उत्तर प्रदेश बजट: छात्र छात्राओं को मुफ्त टेबलेट व मोबाइल फोन
देवभूमि न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए छह लाख 90 हजार 242 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विपक्ष पर तंज कसने और अपनी बातें रखने के लिए शेर-ओ-शायरी का भी जमकर इस्तेमाल किया. वित्त मंत्री ने विधानसभा में अपने बजट भाषण में पूर्ववर्ती विपक्षी सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, ”हमारी सरकार के पहले की सरकारों का रवैया प्रदेश की धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति घोर उपेक्षा का रहा.
सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, ”प्रदेश में ऐसा माहौल बना दिया गया था कि अपनी धार्मिक आस्था को प्रकट करना अपराध की श्रेणी में आ गया था. जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के पुनरुत्थान का अभियान प्रारंभ किया तो उनका विरोध भी किया गया.” उन्होंने शायराना अंदाज में विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा- ”मैं पक्षी तूफानों में राह बनाता, मेरा राजनीति से केवल इतना नाता. तुम मुझे रोकते हो अवरोध बिछाकर, मैं उसे हटाकर आगे बढ़ता जाता.”
खन्ना ने संस्कृति और धर्मार्थ कार्यों के लिए बीजेपी सरकार द्वारा अब तक चलाई गयी योजनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा भी दिया. उन्होंने बजट भाषण में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास मंत्र का जिक्र करते हुए कहा, ”प्रदेश की त्वरित विकास यात्रा ने विरोधियों के स्वर को धीमा कर दिया है. यह इस बात का द्योतक है कि हमारी लोकतांत्रिक एवं पारदर्शी कार्यप्रणाली ने अवश्य ही सबको प्रभावित किया है.’l
उत्तर प्रदेश के इतिहास के इस सबसे बड़े बजट में मूलभूत अवसंरचना विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य व किसानों, महिलाओं और युवाओं का खास ख्याल रखा गया है. प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा में छह लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपये का बजट पेश किया. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए छह लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. इस बार बजट में 32 हजार 721 करोड़ 96 लाख रुपये की नयी योजनाएं शामिल की गयी हैं.
इस बजट में कुल छह लाख 83 हजार 292 करोड़ 74 लाख रुपये की कुल प्राप्तियों का अनुमान है. इनमें से पांच लाख 79 हजार 865 करोड़ 66 लाख रुपये की राजस्व प्राप्तियां और एक लाख 12 हजार 427 करोड़ आठ लाख रुपये की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं. राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का हिस्सा चार लाख 45 हजार 871 करोड़ 59 लाख रुपये है. लोक लेखे से 5,500 करोड़ रुपये की शुद्ध प्राप्तियां अनुमानित हैं.
बजट में छह लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपये का कुल व्यय अनुमानित है. इसमें पांच लाख दो हजार 354 करोड़ एक लाख रुपये राजस्व लेखे का व्यय है जबकि एक लाख 87 हजार 888 करोड़ 42 लाख रुपये पूंजी लेखे का व्यय है. बजट में राजकोषीय घाटा 84 हजार 883 करोड़ 16 लाख रुपये अनुमानित है जो वर्ष के लिये अनुमानित राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3.48 प्रतिशत है.
योगी ने बजट को बताया ‘नींव का पत्थर’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिये पेश बजट को राज्य को 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की ‘नींव का पत्थर’ करार देते हुए कहा कि उनकी सरकार जनता पर कोई नया कर लगाये बगैर वित्तीय अनुशासन और प्रबंधन के बल पर बजट के आकार को बढ़ाने में सफल रही है. मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा विधानसभा में बजट पेश किए जाने के बाद कहा, ”यह बजट उत्तर प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप उत्तर प्रदेश को अगले पांच साल के अंदर 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये नींव का पत्थर साबित होगा.”
योगी ने कहा कि साल 2016-17 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में प्रस्तुत बजट तीन लाख 40 हजार करोड़ रुपये का था. प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद पिछले छह वर्षों के दौरान बजट में दोगुनी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय दोगुना से अधिक हो गई है. साथ ही प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी दोगुनी से ज्यादा वृद्धि हुई है. आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश की जनता पर कोई अतिरिक्त कर लगाए बगैर अर्थव्यवस्था के दायरे को बढ़ाया गया है. इसके लिए कई कदम उठाने पड़े. वित्तीय अनुशासन का पूरा पालन किया गया है. राजकोषीय अनुशासन को बनाए रखा गया है. प्रदेश में राजकोषीय घाटे की निर्धारित सीमा को साढ़े तीन प्रतिशत से कम करके 3.24 प्रतिशत तक करने में हमें सफलता मिली है.
प्रदेश में टैक्स चोरी को रोका गया- सीएम
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में कर चोरी को रोका गया. वित्तीय अनुशासन और बेहतर वित्तीय प्रबंधन को प्रदेश में कैसे लागू किया जाए, इसमें शासन-प्रशासन स्तर पर और विभागीय स्तर पर काम हुआ जिसका नतीजा है कि जहां साल 2016-17 में कर राजस्व सिर्फ 86 हजार करोड़ रुपये था, वह मार्च, 2023 में दो लाख 20 हजार करोड़ रुपये को पार कर जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा ”साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले हमारी पार्टी ने प्रदेश की जनता से लोक कल्याण संकल्प पत्र में 130 वादे किए थे. आज यह बजट प्रस्तुत करने के साथ उनमें से 110 वादों को हम इसमें शामिल कर चुके हैं. पूरे बजट पर अगर आप ध्यान देंगे तो लगभग 64,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि लोक कल्याण संकल्प पत्र में घोषित संकल्पों के लिए समर्पित है.” उन्होंने कहा ”आज बजट भाषण में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने भी कहा है कि वित्त वर्ष 2016-17 (तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार के शासन ) में प्रदेश में बेरोजगारी दर 17-18 प्रतिशत थी. आज यह मात्र चार प्रतिशत रह गई है. प्रदेश में नए रोजगार सृजित हुए हैं और रोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं.”
एक-एक रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त दिया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा, ”वर्ष 2016-17 के बजट में स्वयं के कर राजस्व का अनुपात केवल 33 प्रतिशत था. बाकी कर्ज के माध्यम से या फिर केंद्र सरकार पर निर्भरता के माध्यम से हुआ करता था या फिर उसके बारे में खामोश रहा जाता था. इसका मतलब यह है कि उस वक्त की घोषणाएं झूठी थीं. लेकिन आज इसके दोगुने से भी अधिक होने के बावजूद बजट का लगभग 46 प्रतिशत हिस्सा स्वयं के राजस्व के माध्यम से मिल रहा है.” आदित्यनाथ ने कहा कि एक नई योजना शुरू की जा रही है. उज्ज्वला योजना के एक करोड़ 74 लाख लाभार्थियों को होली और दीपावली पर एक-एक रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त दिया जाएगा. इसके लिये बजट में 3,047 करोड़ 48 लाख रुपये की व्यवस्था की गयी है.
डीजल-पेट्रोल देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सस्ता- योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर मूल्यवर्द्धित कर (वैट) को घटाया और प्रदेश की जनता को महंगाई से राहत दिलाई. इस वक्त प्रदेश में डीजल-पेट्रोल देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सस्ता है. पारदर्शी कराधान प्रणाली प्रदेश में लागू करने से कर चोरी को रोकने और राजस्व संग्रह को बढ़ाने में मदद मिली है. इससे उत्तर प्रदेश ने राजस्व आधिक्य वाले प्रदेश के रूप में अपनी जगह बनाई है. इस बचे हुए राजस्व के जरिये हमने प्रदेश में मूलभूत और संरचना को बनाने में एक बड़ी भूमिका का निर्माण किया है.
आदित्यनाथ ने कहा कि इसके अलावा प्रदेश में साल 2016-17 में आठ प्रतिशत बजट पुराने ऋणों के भुगतान में खर्च होता था. आज बेहतर वित्तीय प्रबंधन के कारण मात्र छह प्रतिशत बजट ही पुराने कर्ज के भुगतान में खर्च किया जा रहा है.