पंजाब सरकार ने दी हाई कोर्ट को विधायको व सांसदों के केसों जानकारी
देवभूमि न्यूज डेस्क
पंजाब/ चंडीगढ़
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मौजूदा और पूर्व सांसदों व विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों के तेजी से निपटारे के मामलों की जांच में खराब प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया था कि अदालत संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करेगी।

अदालत ने यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि मामलों की जांच में आगे कोई प्रगति नहीं होती है तो अदालत को उसी पर गंभीरता से विचार करने और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए उचित आदेश पारित करने के लिए मजबूर होगी।
हाई कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को पंजाब सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि पंजाब के पूर्व और मौजूदा सांसद व विधायकों के खिलाफ दर्ज 48 केसों की जांच अभी जारी है और 89 केस अलग-अलग अदालतों में चल रहे हैं जबकि हरियाणा सरकार ने इस मामले में जवाब देने के लिए समय की मांग की।
पंजाब सरकार की तरफ से ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन के एआईजी सरबजीत सिंह ने हाई कोर्ट के आदेशों पर जिलेवार तरीके से यह जानकारी दी है और बताया है कि किस जिले में किस-किस पूर्व और मौजूदा सांसद व विधायक के खिलाफ किस धारा में और कब केस दर्ज किया गया और इन केसों का अब क्या स्टेटस है।
जिन 48 दर्ज मामलों की जानकारी दी है उनमे से 20 मौजूदा सांसद और विधायक हैं बाकि के पूर्व सांसद और विधायक हैं। इनमें सबसे ज्यादा चार मामले जिनमे जांच अभी जारी है वह पूर्व विधायक सिमरजीत बैंस के खिलाफ दर्ज हैं।
इस सूची में अब मौजूदा आम आदमी पार्टी के विधायकों के खिलाफ दर्ज मामले भी शामिल किए गए हैं हैं जो अभी हाल ही में विधायक बने हैं इनके अलावा 89 ऐसे केसों की भी जानकारी दी गई है, जिनमे जांच पूरी होने के बाद ट्रायल अदालतों में चल रहा है।
पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट में जिन पूर्व और मौजूदा सांसदों/विधायकों की सूची सौंपी है उनमें विधायक शीतल अंगुराल, मनविंदर सिंह, अमनशेर सिंह शेरी कलसी, लाल सिंह काटरू चक्क, हरमीत सिंह पठान माजरा, चेतन सिंह जोरमाजरा, गुरदेव सिंह देव मान, नीना मित्तल, विजय सिंगला, फौजा सिंह सरारी, अमृतपाल सिंह, कुलतार सिंह संधवां और गुरप्रीत सिंह बनावली, अनिल जोशी, बिक्रम सिंह मजीठिया, सिमरजीत बैंस, फतेहजंग बाजवा, सुच्चा सिंह छोटेपुर, विरसा सिंह वल्टोहा, सुखपाल सिंह भुल्लर, हरिंदर पाल सिंह चंदूमाजरा, बलविंदर सिंह बैंस, दलबीर सिंह गोल्डी, परमिंदर सिंह ढींडसा, विजय इन्दर सिंगला, सुखपाल सिंह नन्नू, गुरमीत सिंह सोढ़ी, परमिंदर सिंह पिंकी, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, जोगिन्दर पाल जिंदु, मनतार सिंह बराड़, सिकंदर सिंह मलूका, जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू, नुसरत इकराम खान, इक़बाल सिंह झुन्डा के नाम शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ जांच अभी चल रही हैं।

हरियाणा सरकार की जांच पर हाई कोर्ट ने उठाए सवाल, अपनाया कड़ा रुख
मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने इस मामले में उचित जवाब नहीं दिया व समय की मांग की। इस पर कोर्ट ने कहा की ऐसा प्रतीत होता है कि हरियाणा की जांच एजेंसी सिर्फ जांच में देरी करने के लिए बहानेबाजी कर रही है। कभी कोर्ट में मामला होने तो कभी आरोपितों के वायस सैंपल ने मिलने की दलीलों के आधार पर जांच कैसे रोकी जा सकती है। कोर्ट ने कहा की इस तरह के जांच कोर्ट कभी भी सहन नहीं कर सकता।