140 करोड़ की जनता में 2 या 3 ओलंपिक गोल्ड मेडल लाना पोषण की कमी का सबूत है-डॉ अर्चिता महाजन

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देवभूमि न्यूज 24

यह बॉर्नविटा हॉरलिक्स वाले 40 ,50 बच्चों को ओलंपिक के लिए गोद क्यों नहीं ले लेते

डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि बहुत से पेरेंट्स कीजिए परेशानी है कि उन्हें यह समझ में नहीं आता कि बच्चों को सुबह-शाम दूध के साथ क्या दें कि उनका संपूर्ण पोषण हो मांसपेशियों के साथ-साथ हड्डियों को भी ताकत मिले पर आज मैं कुछ प्रश्न अपने सभी पाठकों से भी पूछना चाहूंगी कि यदि बॉर्नविटा हॉरलिक्स वालों को अपने प्रोडक्ट पर इतना ही भरोसा है तो वह क्यों नहीं पूरे देश में से 40 50 बच्चों को ही गोद लेकर उनका पोषण करें जब वह मेडल लेकर आए तो उनको पब्लिसिटी करने की जरूरत नहीं रहेगी क्योंकि मेडल जीतने वाला बच्चा जिस गांव जिस शहर और जिस प्रदेश का होगा वहां उसे प्रोडक्ट की पब्लिसिटी अपने आप हो जाएगी टीवी पर खरीदे हुए खिलाड़ियों को बॉर्नविटा का प्रचार कराकर देश की जनता को गुमराह किया जा रहा है।

यदि आपका प्रोडक्ट दमदार है तो सिर्फ कुछ ही सालों में सिर्फ आपका ही प्रोडक्ट बिकेगा परंतु कोई कंपनी ऐसा नहीं करती क्योंकि उनको पता होता है कि उनके प्रोडक्ट में चीनी और चॉकलेट पाउडर के सिवाय कुछ नहीं है। इसलिए वह खरीदे हुए खिलाड़ियों से अपने प्रोडक्ट का प्रमोशन करवाते हैं। इस देश क्या के कानून में मल्टीनेशनल कंपनियों को देश के बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने की छूट है यदि नहीं तो कैसे दशकों से यह कंपनियां झूठे विज्ञापनों द्वारा करोड़ अरबो रूपया कंमकर इस देश से बाहर ले जा रही हैं। यदि पतंजलि को झूठे विज्ञापन ऑन के लिए अदालतों में बार-बार नाक रगड़ाई जा सकती है तो इन कंपनियों को क्यों नहीं क्या यह कंपनी इस देश के कानून से ऊपर है।