भरा नंही वो भावों से बहती जिसमें रसधार नही वह हृदय नही पत्थर है जिसे स्वदेश से प्यार नहीं-सीमा बोस

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देवभूमि न्यूज 24.इन

15 अगस्त 1947 की देश स्वतन्त्रता के बाद लम्बे सघर्ष के परिणाम स्वरूप 26 जनवरी 1950 को भारतीयों ने अपने संविधान को लागू किया और एक समद्ध, विकसित, स्वतंत्र राष्ट्र के लिए 5 तत्व आवश्यक बताये गये।

जिस प्रकार मानव शरीर की
उत्पत्ति 5 तत्व आकाश, भूमि, जल, वायु, अग्नि से मिलकर होती है इसी तरह भारत को एक राष्ट बनने के लिए 5 तत्वों की आवश्यकता है

निशिचत भूमि
एक अनुमानित जनसंख्या
एक ध्वज
अपना सविधान
और निशिचत भाषा

यह 5 तत्व मिलकर एक देश को एक राष्ट्र‌ का रूप देते है

“संविधान की धारा 343 के अनुसार देवनागरी लिपि में हिन्दी को भारत की राजभाषा घोषित किया गया

हिन्दी भाषा सरल सहज गहन, भाषा और संस्कृति को जोड़ने वाली भाषा है,

हिन्दी भाषा से पह‌चान है हमारी यह राजकीय भाषा है, हिन्दी जन-सम्पर्क की भाषा है मातृ भाषा हिंदी विकसित और
समृद्ध भाषा है। हिन्दी भाषा के साथ ही साथ हमें अन्य भाषाओं का भी ज्ञान आवश्यक है

समाज में सफलता की सीढ़ियों के लिये लेकिन हमारा यह कर्तव्य है कि हम अपनी भाषा मान-सम्मान करे
क्योकि राष्ट्र गौरव का प्रतीक है हमारी भाषा हिन्दी

हिंद मेरा देश, हिंदी मेरी मातृभाषा यही है हिन्दी की परिभाषा

जो स्थान है नारी के
माधे पर बिंदी का
वही स्थान है
भाषाओं में हिन्दी का

सीमा बोस भाषा अध्यापिका पावंटा साहिब हिमाचल प्रदेश