सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में न्याय न मिलने पर मुसावाला गांव में नहीं मनेगी दिवाली
देवभूमि न्यूज डेस्क
पँजाब
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के गांव मूसा में इस बार लोग काली दिवाली मनाएंगे। परिवार और ग्रामीण मूसेवाला हत्याकांड में इंसाफ न मिलने के कारण रोष में है। गांव के पूर्व सरपंच बलविंद्र सिंह सिद्धू व मूसेवाला के ताया चमकौर सिंह सिद्धू ने बताया कि गांव मूसा में इस बार दीपावली नहीं मनाई जाएगी।

यही वजह है कि गांव का कोई भी दुकानदार पटाखे या मिठाई तक नहीं लाया है। उन्होंने बताया कि सिद्धू पंजाबियों और गांव का मान था। उसकी हत्या के बाद से गांव के चूल्हे अभी भी ठंडे पड़े हैं। उसकी समाधि पर सैकड़ों लोग रोजाना नमन करने पहुंचते हैं। गांव की तरफ से गुरुद्वारा साहिब से घोषणा की गई है कि इस बार दिवाली काली रहेगी।

उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में सिद्धू मूसेवाला के इंसाफ के लिए कैंडल मार्च निकाले जाएंगे। 29 मई को गांव जवाहरके में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के इशारे पर शार्प शूटरों ने गोलियां बरसाकर सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी थी।
इससे पहले सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर ने कहा था कि हमें किसी सरकार और पुलिस से इंसाफ मिलने की उम्मीद नही रही हैं। सरकार इस मामले में कार्रवाई के बजाय सिर्फ लीपापोती ही कर रही हैं। पंजाब पुलिस गैंगस्टरों के फर्जी रिमांड लेकर दिखावा करने में लगी हुई हैं,

नहीं तो पुलिस रिमांड के बाद आदमी चलने लायक भी रहता लेकिन फिर भी सभी गैंगस्टर हंसते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानसा पुलिस की कस्टडी से गैंगस्टर का फरार होना और पुलिस अधिकारियों की ओर से गैंगस्टरों से जफ्फी डालकर फोटो खिंचवाना साबित करता है कि पुलिस की सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में इतनी बड़ी लापरवाही रही हैं।

उन्होंने कहा कि जिस अधिकारी बलतेज पन्नू ने सिद्धू की सुरक्षा के मामले को लीक किया। उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। सिद्धू को इंसाफ देने का पुलिस का इरादा होता तो बलतेज पन्नू पर भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि आम आदमी की बात करने वाली सरकार के राज में ही आम आदमी की सुरक्षा गायब है। आम आदमी भी अब सुरक्षित नहीं रहा है। आप के 92 विधायकों में से किसी ने मूसेवाला कत्ल कांड में मुंह नहीं खोला हैं, क्योंकि उन्हें सरकारी कुर्सियां प्यारी हैं।