नाहन शहर आज भी अपने इतिहास और शिक्षा ग्रहण के लिए है प्रसिद्ध…

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नाहन शहर आज भी अपने इतिहास और शिक्षा ग्रहण के लिए है प्रसिद्ध…

देवभूमि न्यूज डेस्क
शिलाई

सिरमौर मुख्यालय नाहन शहर के इतिहास और शिक्षा ग्रहण की द्रष्टि से देखें तो नाहन शहर एक ऐसा शहर है जो कई दशकों से अपने इतिहास, सुन्दरता, शिक्षा, संस्कृति, भाईचारा, ओर एकता के लिए विख्यात है जिस नाहन शहर में जिला मुख्यालय होने के साथ साथ शिक्षा ग्रहण का भी केन्द्र बिन्दु दशकों से बना हुआ है

और आज भी छोटे से नाहन शहर की टेड़ी- मेडी छोटी छोटी गलियों और सड़कों पर अधिकांश स्कूलों,कालेजों,शिक्षण संस्थानों के जिज्ञासु परिक्षार्थी ही दिखाई देते हैं क्योंकि यहां का मौसम साल भर वातानुकूलित रहता है जहां ना ज्यादा गर्मी रहती है ना ही ज्यादा सर्दी का प्रकोप रहता है

और साथ ही शिक्षा ग्रहण करने के लिए जिला सिरमौर की प्रसिद्ध महिमा लायब्रेरी अपने आप में बहुत प्रसिद्ध है जहां जिला सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र जेसे शिलाई,रोहनाट,हरिपुरधार,सघँडा,नोहराधार, राजगढ़, पांवटा साहिब इत्यादि से अनेकों विधार्थी शिक्षा ग्रहण व प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए इस ऐतिहासिक शहर नाहन आते है

और महिमा लायब्रेरी व अन्य निजी लाईब्रेरी में अपना बहुमूल्य समय लगाकर अपने लक्ष्य और भविष्य को बेहतर भी बनाते हैं नाहन शहर की एक ओर भी खूबसूरती है कि यहां अधिकांश जगह पैदल ही जाना पड़ता है क्योंकि यह एक पहाड़ पर बसा शहर है जिससे सभी व्यक्तियों और शिक्षार्थी की शारीरिक संरचना भी बखुबी होती है आज हम नाहन के इतिहास और संस्कृति के बारे में बताना चाहेंगे नाहन हरे-भरे जंगलों और बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ एक शानदार शहर है।

यह पश्चिमोत्तर भारत के दक्षिण हिमाचल प्रदेश राज्य की राजधानी शिमला के दक्षिण-पश्चिम में लघु हिमालय की दक्षिणी सीमा के पास शिवालिक पहाड़ियों में बसा हुआ है। नाहन को ‘शिवालिक पहाड़ियों का रत्न’ कहा जाता है।

इतिहास
नाहन की स्थापना यहाँ के राजा करन प्रकाश जी द्वारा 1621 ई. में की गई थी,राजा करन प्रकाश ने रक्षाबंधन के त्यौहार पर यहाँ पतंग उड़ाने की परंपरा शुरू की थी, जो आज भी जारी है। कहा जाता है कि आज जहाँ नाहन महल खड़ा है, वहाँ पर एक संत बाबा बनवारी दास अपने साथी के साथ रहते थे।

“नाहन” का अर्थ है- “मत मारो”। एक दिन जब राजा ने एक शेर को मारने की कोशिश की, तब संत ने कहा ‘नाहन’, शायद इस ऐतिहासिक घटना के कारण ही इस शहर का नाम नाहन पड़ा, नाहन शहर आज भी शान्त शहर ओर शिक्षा वातावरण का केन्द्र बिन्दु बना हुआ है जहां पर हर वर्ष हजारों विद्यार्थी अपने शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नाहन शहर की ओर गांव- गांव से रुख करते है..!

लेखक हेमराज राणा