*हेल्दी और फैटी बच्चे की याददाश्त कमजोर होती है -डॉ अर्चिता महाजन*
देवभूमि न्यूज डेस्क
अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में सालभर पहले छपे एक अध्ययन में साफ कहा गया कि ओबीज बच्चों में भी ब्रेन फंक्शनिंग बाकी बच्चों से कम दिखती है. 6 से 10 साल तक के बच्चों पर हुई स्टडी में कई दूसरी बातें भी निकलकर आईं. जैसे वे अपने गुस्से या डर जैसी भावनाओं पर भी जल्दी काबू नहीं कर पाते.।अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ वेरमॉन्ट और येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस संबंध में अध्ययन किया है।
अध्ययन के लिए 10,000 किशोरों के आंकड़े जुटाए गए। वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन बच्चों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) ज्यादा होता है, उनका सेरेब्रल कॉर्टेक्स पतला हो जाता है। सेरेब्रल कॉर्टेक्स एक परत है जो दिमाग के बाहरी हिस्से को ढकती है। कॉर्टेक्स पतला हो जाने से दिमाग की सोचने, याद रखने और परिस्थितियों को समझकर योजना बनाने जैसी क्षमताएं प्रभावित हो जाती हैं।शरीर पर चर्बी की परतें बढ़ती हैं तो दिमाग के ग्रे मैटर में कमी आ सकती है और दिमाग सिकुड़ भी सकता है। इससे याददाश्त पर बुरा असर पड़ सकता है और डिमेंशिया जैसी स्थितियां भी बन सकती हैं।कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी में हुई इस स्टडी के तहत लगभग डेढ़ हजार लोगों की ब्रेन स्कैनिंग हुई. इसमें मोटापे से जूझ रहे लोगों के साथ ही अल्जाइमर्स के मरीज और सेहतमंद लोग भी थे. इसमें साफ दिखा कि वजनी लोगों के ब्रेन का वही हिस्सा सिकुड़ा हुआ था
ज्यादा जानकारी के लिए गूगल पर डॉ अर्चिता महाजन टाइप करें सौजन्य डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डायटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पदम श्री राष्ट्रीय पुरस्कार एवं नॉमिनेटेड फॉर नेशनल यूथ राष्ट्रीय पुरस्कार