गंभीर बीमारियों से ग्रस्त रोगियों को मिलेगी पीड़ा से निजात दिलाता है आईजीएमसी का पेन एंड पेलेटिव केयर

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गंभीर बीमारियों से ग्रस्त रोगियों को मिलेगी पीड़ा से निजात दिलाता है आईजीएमसी का पेन एंड पेलेटिव केयर

देवभूमि न्यूज डेस्क
यशपाल कपूर
सोलन

गंभीर बीमारियों से ग्रस्त रोगियों को पीड़ा से निजात मिलेगी। बीमारी के कारण रोगी को होने वाले दर्द का ईलाज अब एक इंजेक्शन से संभव है। आईजीएमसी शिमला में गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को पीड़ा से राहत दिलवाने के लिए पेन एंड पेलेटिव केयर क्लीनिक बनाया गया है। यह क्लीनिक आईजीएमसी के 47 नंबर कीमोथैरेपी वार्ड में इसकी बाकायदा ओपीडी है। इस ओपीडी में केंसर समेत अन्य पीड़ादायक रोगों का उपचार किया जाता है। केंसर रोगियों को नसों की कमजोरी, पानी भरना, उल्टी आना समेत सभी रोगों का उपचार किया जाता है। वर्तमान में पैन क्लीनिक की सुविधा प्रदेश में आईजीएमसी शिमला के अलावा टांडा मेडिकल कॉलेज में भी उपलब्ध है, जहां रोगी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

किन-किन बीमारियों में पैन मैनेजमेंट कारगर
पैन एडं पेलेटिव केयर क्लीनिक में पैन मैनेजमेंट के माध्यम से रोगी का उपचार किया जाता है। इसमें केंसर, सरवाइकिल, न्यूरेलिया, बाजू में होने वाली तेज दर्द, टांगों में होने वाली दर्द, जोड़ों के दर्द से रोगियों को निजात मिलती है। इन रोगों में जब अन्य दवाएं असर नहीं करती, तब यह उपचार कारगर होता है। पैन मैनेजमेंट में रोगियों पहले रोगियों के बल्ड, सिटी स्कैन, एमआरआई समेत अन्य सभी टेस्ट किए जाते हैं। इसके बाद पैन खत्म करने की दवाएं व इंजेक्शन दिया जाता है।
क्या है पैन मैनेजमेंट

पैन मैनेजमेंट में कैंसर समेत अन्य सभी पीड़ा पहुंचाने वाले रोगी की गर्दन या पीठ में एक इंजेक्शन लगाया जाता है। इससे ब्रेन तक पीड़ा का संचार करने वाला नर्वस सिस्टम ब्लॉक कर दिया जाता है। इससे रोगी को पीड़ा महसूस ही नहीं होती। हालांकि इससे रोग का कोई उपचार नहीं होता, लेकिन रोगी को दर्द से राहत आवश्यक मिल जाती है। एक इंजेक्शन रोगी को लंबे समय तक पीड़ा से राहत दिला सकता है।
क्या कहना है डाक्टर का
आईजीएमसी शिमला में पैन एंड पेलेटिव केयर के डाक्टर विनय सौम्या ने बताया कि गंभीर बीमारी से ग्रस्त रोगी आईजीएमसी अस्पतालके रूम नंबर-47 में उनसे मिल सकते हैं। डॉ. सौया ने बताया कि गंभीर बीमारियों में रोगी को पीड़ा से राहत दिलाने में पैन एवं पेलेटिव केयर मैनेजमेंट कारगर है। उन्होंने बताया कि जब किसी रोगी को केंसर या अन्य गंभीर बीमारी हो जाती है तो उसके साथ ही डिप्रेशन, एंजाइटी और सामाजिक समस्याएं पैदा हो जाती है। केंसर रोगी घर से बाहर निकलना बंद कर देता है। खाने की समस्या हो जाती है, क्या खाएं और क्या न खाएं । बीमार व्यक्ति तिमारदार पर निर्भर हो जाता है। उन्होंने बताया कि आईजीएमसी में पैन एंड पेलेटिव केयर यूनिट पिछले डेढ़ वर्ष से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि केंसर को अन्य सामान्य बीमारी की तरह लें ताकि रोगी को भय के वातावरण से बाहर निकाला जा सकें।
बॉक्स
आईजीएमसी में पैन एंड पेलेटिव केयर सेंटर हैं। इसमें दो डाक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यहां गंभीर बीमारियों से ग्रस्त रोगियों को बीमारी के कारण होने वाली पीड़़ा से निजात दिलाई जाती है।
– डॉ. मनीष गुप्ता, विभागाध्यक्ष, केंसर यूनिट, आईजीएमसी शिमला।