देवभूमि न्यूज 24.इन
एसएफआई राज्य अध्यक्ष अनिल ठाकुर व सचिव दीनित ने हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी संजौली कॉलेज में छात्रों के निष्कासन को कॉलेज प्रशासन की तानशाही व राजनीति से प्रेरित बताया है ।
महाविद्यालय का शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन रोकने का निर्णय छात्रों के अभिव्यक्ति और सभा की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।
आजकल लड़
कियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। एसएफआई लैंगिक संवेदीकरण समिति में लड़कियों को शामिल करके इसे लोकतांत्रिक बनाने की सही मांग उठा रहा है। क्या गलत है, क्यों महिला प्राचार्य समझने में विफल हैं? क्या एसएफआई नेताओं का निष्कासन या निलंबन समाधान है? एसएफआई अलोकतांत्रिक कार्यप्रणाली के खिलाफ आंदोलन को मजबूत करेगा, यदि परिसर में अनुमति नहीं दी जाती है
तो हम इन प्राचार्यों के आवासीय क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन करेंगे। छात्र नेताओं के निष्कासन का निर्णय तत्काल वापस ले लिया जाए। प्राचार्य द्वारा छात्र नेताओं का पीड़ित करने का कार्य, जो लैंगिक संवेदीकरण समिति के लोकतांत्रिकरण की मांग कर रहे थे, अकादमिक वातावरण को और अधिक बाधित करेगा।
एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी मांग करता है कि निष्कासन का निर्णय तत्काल वापस लिया जाए या परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।