देवभूमि न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर बीजेपी पर रणनीति के तहत निशाना साधा है। केजरीवाल ने दिल्ली का सीएम पद छोड़ने के बाद जंतर-मंतर जनता की अदालत जनसभा के जरिये पीएम मोदी को घेरा। केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल किए। इस बार केजरीवाल ने आरएसएस के जरिये पीएम मोदी को घेरने की कोशिश की है। केजरीवाल ने मोदी का कद कम दिखाने की कोशिश की कि आरएसएस ही मुखिया है और उसे अपने बच्चों को नियंत्रण में रखना चाहिए।
केजरीवाल के पांच सवाल
केजरीवाल ने आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे। इनमें एक सवाल यह भी था कि क्या रिटायरमेंट की आयु से संबंधित भाजपा का नियम मोदी पर भी लागू होता है, जैसा कि लालकृष्ण आडवाणी पर लागू हुआ था। उन्होंने भागवत से पूछा कि क्या वह राजनीतिक नेताओं को ‘भ्रष्ट’ कहने और फिर उन्हें अपने पाले में शामिल करने की भाजपा की राजनीति से सहमत हैं। केजरीवाल ने एक अन्य सवाल में भागवत से पूछा कि जब भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी को अपने वैचारिक मार्गदर्शक आरएसएस की जरूरत नहीं है, तो उन्हें कैसा लगा। केजरीवाल ने पूछा कि क्या बेटा अब इतना बड़ा हो गया है कि वह अपनी मां को आंख दिखा रहा है? दरअसल, केजरीवाल ने जो सवाल पूछे उनको लेकर बीजेपी अकसर असहज नजर आती है। 75 साल वाले नियम पर तो अमित शाह तक कह चुके हैं कि यह कोई लिखित नियम नहीं है।
योगी को पद से हटाने का किया था दावा
यह पहली बार नहीं है जब केजरीवाल ने बीजेपी को असहज करने वाला आरोप लगाया है। लोकसभा चुनाव के बीच मई में केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी दो महीने के भीतर सीएम योगी को हटा देगी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं। हालांकि, इस आरोप पर योगी से लेकर पीएम मोदी ने सफाई दी थी। हालत यह थी कि अमित शाह को इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी। इसके बावजूद लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन उम्मीद से बिल्कुल कम रहा था। पार्टी ने प्रदेश की 80 में से सिर्फ 33 सीट ही जीत पाई। इससे पहले 2019 के चुनाव में पार्टी ने 62 सीटें जीती थीं। योगी आदित्यनाथ के समर्थकों ने भी कहा कि दिल्ली ने अपने हिसाब से चुनाव लड़ा। टिकट बंटवारे में योगी आदित्यनाथ की अनदेखी की गई। कई राजनीतिक विश्लेषकों ने माना कि केजरीवाल के दावे का असर साफ रूप से यूपी लोकसभा चुनाव पर दिखा।
बीजेपी के अंदर काफी तनाव है। प्रधानमंत्री जी अमित शाह को उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं। बाकी लोग ये नहीं चाहते हैं। ये बात दबी जुबान में पूरे देश में चल रही है। अगला नंबर योगी आदित्यनाथ का है। ये 2 महीने के भीतर उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बदल देंगे।
अरविंद केजरीवाल, यूपी में चुनाव प्रचार के दौरान भाषण
दुखती रग पर ही क्यों वार करते हैं केजरीवाल
केजरीवाल पिछले कुछ समय से बीजेपी की दुखती रग पर हाथ रखने की रणनीति पर चल रहे हैं। राजनीतिक गलियारों यह चर्चा आम है कि पिछले कुछ समय से आरएसएस और बीजेपी के संबंधों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसकी शुरुआत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उस बयान से हुई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। इसके बाद से आरएसएस प्रमुख ने भी कई बार आदर्श राजनेता को लेकर बातें कही थीं। इसबात का संकेत लगा था कि मोहन भागवत परोक्ष रूप से पीएम मोदी पर ही बात कर रहे हैं। अब केजरीवाल ने पांच सवालों के जरिये बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसा करीब चार महीने पहले योगी आदित्यनाथ को लेकर आरोपों के बाद थी। केजरीवाल को पता है कि इन मुद्दों बीजेपी सीधे तौर पर कुछ भी कहने से बचती है। अब चूंकि बीजेपी केजरीवाल पर भ्रष्टाचार को लेकर हमलावर है तो आप प्रमुख ने बीजेपी की दुखती रग पर हाथ रखा है।