हिन्दू धर्म: श्रीकृष्ण के अनुसार इन पापों से मिलता है नरक, भविष्य पुराण में भी है जिक्र

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देवभूमि न्यूज 24 .इन

⭕शास्त्रों के अनुसार पाप कर्म करने पर जीव को नरक भोगना पड़ता है. भविष्य पुराण में श्रीकृष्ण ने राजा युधिष्ठिर को पाप कर्म के बारे में बताया है. उन्होंने 12 कायिक, वाचिक व मानसिक पापों का जिक्र किया है.

शास्त्रों में धर्म-पुण्य करना हर मनुष्य का धार्मिक व नैतिक कर्तव्य बताया गया है. नीच व पाप कर्म करने से हमेशा बचने की सलाह दी गई है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पाप कर्म से जीव मृत्यु के बाद घोर नरक में गिरता है. जहां उसे तरह- तरह की भीषण यातनाएं भोगनी पड़ती है. ये पाप स्थूल, सूक्ष्म, अतिसूक्ष्म रूप में करोड़ों की संख्या में होते हैं. इनमें से हम आपको आज भविष्यपुराण में बताए गए बड़े पाप कर्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें करने पर मनुष्य को अंत में नरक भोगना पड़ता है.

🚩इन पापों से मिलता है नरक का भोग- भविष्यपुराण में भगवान श्रीकृष्ण ने नरक प्राप्ति वाले बड़े पाप कर्मों के बारे में राजा युधिष्ठिर को बताया था. जिसमें उन्होंने 12 मानसिक, वाचिक व कायिक पापों का जिक्र किया है. परस्त्री व दूसरे का अनिष्ट चिंतन और कुकर्म यानी अकार्य को भगवान कृष्ण ने मानस पाप बताया है. अनियंत्रित प्रलाप, अप्रिय, असत्य, दूसरों की निंदा और चुगली पांच वाचिक और अभक्ष्य भक्षण, हिंसा, अनावश्यक मैथुन (असंयमित जीवन) और दूसरों का धन हड़पना ये चार कायिक पाप बताए हैं.ये 12 पाप नरक की प्राप्ति करवाने वाले हैं.इन पाप कर्मों के भी कई प्रकार है. जो पुरुष भगवान विष्णु व शिव से द्वेष रखता है वह भी घोर नरक में पड़ता है.

🚩चार महापाप व उपपाप:- भविष्यपुराण में श्रीकृष्ण ने महापातक व उपपातक भी बताए हैं. इनमें ब्रह्म हत्या, शराब सेवन, सुवर्ण की चोरी और गुरु-पत्नीगमन ये चार महा पाप है. जिनमें सहयोग करने वाला मनुष्य पांचवा महापापी गिना जाता है.

ये पांचों नरकगामी होते हैं. इसके अलावा संकल्प लेकर भी ब्राह्मणों को पदार्थ नहीं देना, ब्राह्मण का धन हड़पना, अहंकार, क्रोध, दंभ, कृतघ्रता, कंजूसी, विषयों में आसक्ति, अच्छे पुरुषों से द्वेष, दूसरे की स्त्री का

अपहरण, कुमारीगमन, स्त्री, पुत्र आदि को बेचना, स्त्रीधन से निर्वाह करना, स्त्री की रक्षा न करना, ऋण लेकर न चुकाना तथा देवता, अग्नि, साधु, गौ, ब्राह्मण, राजा और पतिव्रता की निंदा करना आदि उपपातक हैं. इन पापों को करने वाले जीव को भी यमदूत अंत समय में नरक ले जाते हैं.

🛑भविष्यपुराण के अनुसार जो मनुष्य मन, वचन व कर्म से पाप करने के अलावा दूसरों से भी पाप करवाते हैं या पापियों का समर्थन करते हैं, वे भी नरक में जाते हैं.

               *🚩#हरिऊँ🚩*