देवभूमि न्यूज नेटवर्क
कोलकाता
मासिक शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। सितम्बर ३० को मासिक शिवरात्रि है। इस दिन भगवान शिव की विशेष आराधना और उपवास का होता है। अगर आप सितंबर २०२४ की मासिक शिवरात्रि के दिन कुछ खास करना चाहते हैं, तो आप भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित विधि से व्रत और पूजा कर सकते हैं।
मासिक शिवरात्रि व्रत और पूजा विधि:
व्रत का संकल्प:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।
भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें कि आप पूरे दिन निराहार या फलाहार रहेंगे और अगले दिन (चतुर्दशी के बाद) पारण करेंगे।
पूजा की तैयारी:
पूजा स्थल पर साफ-सफाई करके शिवलिंग या भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें।
भगवान शिव की पूजा के लिए गंगा जल, दूध, शहद, दही, धूप, दीप, पुष्प, बेलपत्र, भस्म, चंदन, और प्रसाद तैयार रखें।
शिवलिंग अभिषेक:
शिवलिंग पर गंगा जल, दूध, दही, शहद और घी से अभिषेक करें।
इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, और सफेद फूल अर्पित करें, क्योंकि ये भगवान शिव को विशेष प्रिय होते हैं।
मंत्र जाप:
पूरे दिन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
यदि संभव हो, तो शिवपुराण का पाठ करें या भगवान शिव से संबंधित कथाएं सुनें।
रात्रि जागरण:
मासिक शिवरात्रि की रात्रि को जागरण करने का विशेष महत्व है। इस दौरान भगवान शिव के भजन, कीर्तन और मंत्र जाप करें।
रात्रि के चारों प्रहर में शिवलिंग पर जल, दूध, और पुष्प अर्पित करें।
अगले दिन पारण:
अगले दिन चतुर्दशी के बाद, पूजा समाप्त करके व्रत का पारण करें। पारण का अर्थ है कि आप भोजन ग्रहण करें। व्रत खोलने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना और गरीबों को दान देना अत्यंत शुभ माना जाता है।
मासिक शिवरात्रि व्रत के लाभ:
शारीरिक और मानसिक शांति: यह व्रत मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी माना जाता है।
पारिवारिक सुख: भगवान शिव की कृपा से व्रती को पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
आध्यात्मिक उन्नति: मासिक शिवरात्रि का व्रत व्यक्ति की आत्मिक उन्नति में सहायक होता है।
पापों का नाश: शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की आराधना से जीवन के सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सितंबर २०२४ में मासिक शिवरात्रि के दिन इन नियमों का पालन करने से भगवान शिव की कृपा आप पर बनी रहेगी और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आएगी।