देवभूमि न्यूज 24.इन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात का यह 114वां एपिसोड है। लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “इस महीने एक और महत्वपूर्ण अभियान के 10 साल पूरे हुए हैं। इस अभियान की सफलता में देश के बड़े उद्योगों से लेकर छोटे दुकानदारों तक का योगदान शामिल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है। मैं देश की जनता से अपील करता हूं कि ‘मेड इन इंडिया’ प्रोडक्ट ही खरीदे।प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि आज मुझे ये देखकर बहुत खुशी मिलती है कि गरीब, मध्यम वर्ग और एमएस एमईएस को इस अभियान से बहुत फायदा मिल रहा है।
त्योहारों के इस मौसम में आप फिर से अपना पुराना संकल्प भी जरूर दोहराइए। कुछ भी खरीदेंगे, वो मेड इन इंडिया ही होना चाहिए। कुछ भी गिफ्ट देंगे, वो भी मेड इन इंडिया ही होना चाहिए।बता दें कि ”मन की बात’ की यात्रा को 10 साल पूरे हो रहे हैं। 10 साल पहले ‘मन की बात’ का प्रारंभ 3 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन हुआ था। ये पवित्र संयोग है, कि इस साल 3 अक्टूबर को जब ‘मन की बात’ के 10 वर्ष पूरे होंगे, तब नवरात्रि का पहला दिन होगा।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ की इस लंबी यात्रा के कई ऐसे पड़ाव हैं, जिन्हें मैं कभी भूल नहीं सकता। इस कार्यक्रम के करोड़ों श्रोता हमारी इस यात्रा के ऐसे साथी हैं, जिनका मुझे निरंतर सहयोग मिलता रहा। देश के कोने-कोने से उन्होंने जानकारियां उपलब्ध कराई। इसके श्रोता ही इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार हैं।
उन्होंने कहा कि मेरा मन भी तभी गर्व से भर जाता है, जब मैं ‘मन की बात’ के लिए आई चिट्ठियों को पढ़ता हूं। हमारे देश में कितने प्रतिभावान लोग हैं, उनमें देश और समाज की सेवा करने का कितना जज्बा है। वो लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा करने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर देते हैं। उनके बारे में जानकार मैं ऊर्जा से भर जाता हूं।पीएम मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ की ये पूरी प्रक्रिया मेरे लिए ऐसी है, जैसे मंदिर जा करके ईश्वर के दर्शन करना। ‘मन की बात’ की हर बात को, हर घटना को, हर चिट्ठी को मैं याद करता हूं, तो ऐसे लगता है जैसे मैं ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के दर्शन कर रहा हूंएक पेड़ मां के नाम अभियान को लेकर कही ये बातएक पेड़ मां के नाम अभियान को लेकर मोदी ने कहा, “जब हमारे दृढ़ संकल्प के साथ सामूहिक भागीदारी का संगम होता है तो पूरे समाज के लिए अदभुत नतीजे सामने आते हैं।
इसका सबसे ताजा उदाहरण है ‘एक पेड़ मां के नाम’- ये अभियान अदभुत अभियान रहा, जन-भागीदारी का ऐसा उदाहरण वाकई बहुत प्रेरित करने वाला है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर शुरू किये गए इस अभियान में देश के कोने-कोने में लोगों ने कमाल कर दिखाया है।
मीडिया हाउसेस को दिया धन्यवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया हाउसेस को धन्यवाद देते हुए कहा, “मन की बात के द्वारा हमने जिन मुद्दों को उठाया, उन्हें लेकर कई मीडिया हाउसेस ने मुहिम भी चलाई। मैं प्रिंट मीडिया को भी धन्यवाद देता हूं, उन्होनें इसे घर-घर तक पहुंचाया। मैं उन यूट्यूबर्स को भी धन्यवाद दूंगा जिन्होनें ‘मन की बात’ पर अनेक कार्यक्रम किए।
संथाली भाषा को नई पहचान देने की कोशिश
मोदी ने कहा, “हमारी संथाली भाषा को डिजिटल इनोवेशन की मदद से नई पहचान देने का अभियान शुरू किया गया है। संथाली, हमारे देश के कई राज्यों में रह रहे संथाल जनजातीय समुदाय के लोग बोलते हैं। भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में भी संथाली बोलने वाले आदिवासी समुदाय मौजूद हैं।