शहीदी दिवस पर विचार मंच गोष्टी,भगत सिंह राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून लागू करो-समीर कश्यप

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शहीदी दिवस पर विचार मंच गोष्टी,भगत सिंह राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून लागू करो-समीर कश्यप

 

देवभूमि न्यूज डेस्क
मंडी।

शहीदी दिवस के अवसर पर शहीद भगत सिंह विचार मंच ने विचार गोष्ठी का आयोजन किया। मंच ने इन दिनों देश भर में चल रही ‘भगतसिंह जनअधिकार यात्रा’ की मांगों का समर्थन करते हुए महामहिम राष्ट्रपति को उपायुक्त के माध्यम से एक ज्ञापन प्रेषित किया है। मंच के संयोजक समीर कश्यप एडवोकेट ने बताया कि ‘भगतसिंह जनअधिकार यात्रा’ की प्रमुख मांगों में शिक्षा-रोज़गार-स्वास्थ्य-आवास को मौलिक अधिकार घोषित करने, निजीकरण पर रोक लगाने, भगत सिंह राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून के तहत देश के सभी नागरिकों को रोजगार की गारंटी देने और रोज़गार न दे पाने की सूरत में 10,000 रुपये प्रतिमाह बेरोज़गारी भत्ता देना शामिल है।

इसके अलावा केन्द्र व राज्य सरकारों के सभी ख़ाली पद शीघ्र भरने, ‘अग्निवीर’ योजना को तत्काल रद्द कर सेना में पक्की भरती की व्यवस्था बहाल करने की मांग की गई है। इसके अलावा सभी श्रम क़ानूनों को सख़्ती से लागू करने, प्रस्तावित चार ‘लेबर कोड्स’ रद्द करने, ग्रामीण मज़दूरों को भी श्रम क़ानूनों के अन्तर्गत लाये जाने, ‘पुरानी पेंशन स्कीम’ बहाल करने, ठेकेदारी प्रथा ख़त्म कर नियमित प्रकृति के कामों पर पक्के रोज़गार का प्रबन्ध करने की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि दिन पर दिन बढ़ रही महँगाई पर रोक लगाने के लिए सभी अप्रत्यक्ष करों को समाप्त किया जाये और बढ़ती सम्पत्ति के आधार पर प्रगतिशील प्रत्यक्ष करों की व्यवस्था को मज़बूती के साथ लागू किया जाये। मंच ने मांग की है

कि मनरेगा योजना को सख़्ती से लागू किया जाये, इसके तहत पूरे साल का काम देने का प्रावधान किया जाये और इसके काम पर कम-से-कम न्यूनतम वेतन जितनी राशि प्रदान की जाये। इसके अलावा ग़रीब और मँझोले किसानों के लिए बीज, खाद, बिजली, आदि पर सब्सिडी की समुचित व्यवस्था हेतु अमीर वर्गों पर विशेष कर लगाये जायें, सिंचाई की सरकारी व्यवस्था और संस्थागत ऋण का भी समुचित प्रबन्ध किया जाना चाहिए। मंच ने मांग की है कि “सर्वधर्म समभाव” की नकली धर्मनिरपेक्षता की जगह सच्चे धर्मनिरपेक्ष राज्य को सुनिश्चित करने के लिए क़ानून लाया जाये। किसी भी नेता या पार्टी द्वारा धर्म, समुदाय या आस्था का सार्वजनिक जीवन में किसी भी रूप में उल्लेख व इस्तेमाल करना दण्डनीय अपराध घोषित किया जाये। छुआछूत ही नहीं बल्कि हर प्रकार से जातिगत भेदभाव को संवैधानिक संशोधन करके दण्डनीय अपराध घोषित किया जाये। चुनावी दलों व सरकार द्वारा किये जाने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लगे और इनके पब्लिक ऑडिट व जाँच की व्यवस्था की जाये। स्त्रियों के साथ सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक भेदभाव के हर रूप को समाप्त किया जाए और इसके लिए सख़्त क़ानून लाये जायें। धार्मिक व जातिगत वैमनस्य भड़काने वाले तथा साम्प्रदायिक हिंसा व मॉब लिंचिंग में सक्रिय हर प्रकार के संगठनों और दलों पर तत्काल प्रतिबन्ध लगाकर इन्हें आतंकवादी घोषित किया जाये और इनके नेताओं व गुर्गों पर तत्काल कठोर कार्रवाई की जाये।

इस मौके पर देश राज नें शहीद भगत सिंह के विचारों की प्रासांगिकता पर अपनी बात रखी। जबकि पविन्द्र कुमार का कहना था कि हमें बड़े पैमाने पर शहीदी दिवस को मनाने के प्रयास करने चाहिए। जिससे शहीदों के विचार आम जनमानस तक पहुंच सकें। विचार गोष्ठी में रवि सिंह राणा, देश राज, पविन्द्र कुमार, महेश चन्द्र शर्मा, अभिषेक लखनपाल, सतीश ठाकुर, गीतांजलि शर्मा, भूपेन्द्र सिंह, विनोद ठाकुर, नरेन्द्र वर्धन, तारा सिंह, देशमित्र, धर्म पाल सरोच, संजय कुमार, संतोष ठाकुर, जय देव ठाकुर, मनीष कटोच, मोहित शर्मा, सुशील चौहान, तेजभान सिंह, रूप लाल, नवीन राणा, विनोद कुमार, रूपिन्द्र सिंह, पूनम, खेम चंद, हुक्म चंद, विजय ठाकुर, केतन शर्मा, जे डी ठाकुर, अंकुर दीप, राजेश जोशी और एस के आर्य सहित मंच के अन्य सदस्य मौजूद रहे।