डॉ सुमित्रा अग्रवाल
यूट्यूब वास्तु सुमित्रा
देवभूमि न्यूज नेटवर्क
कोलकाता
दक्ष प्रजापति, जो सती के पिता थे, कई कारणों से नहीं चाहते थे कि सती का विवाह भगवान शिव से हो। इसके पीछे मुख्य रूप से धार्मिक और सामाजिक कारण थे, जिनमें उनके अहंकार और भगवान शिव की असाधारण जीवनशैली को लेकर उनके विचार शामिल थे:
भगवान शिव तपस्वी और सरल जीवन जीने वाले देवता थे, जो पर्वतों पर रहते थे, शरीर पर भस्म लगाते थे, और गले में सर्प धारण करते थे। दक्ष, जो एक वैदिक और सामाजिक मान्यताओं में विश्वास रखते थे, भगवान शिव की इस असामान्य जीवनशैली को राजसी मानकों के अनुरूप नहीं मानते थे।
दक्ष अपने आप को एक उच्च प्रतिष्ठित व्यक्ति मानते थे क्योंकि वह प्रजापति थे, जो सृष्टि के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। उनकी दृष्टि में भगवान शिव एक साधारण और सामाजिक नियमों को न मानने वाले देवता थे।
दक्ष का अहंकार भी एक बड़ा कारण था।
उन्हें अपने अधिकार और वैदिक अनुष्ठानों पर गर्व था। भगवान शिव ने कभी भी दक्ष की शक्ति और प्रतिष्ठा के सामने झुकने का प्रयास नहीं किया, जिससे दक्ष की अहंकार को ठेस पहुंची।
दक्ष प्रजापति सती और शिव के विवाह के खिलाफ थे। हालांकि, सती शिव से अत्यधिक प्रेम करती थीं और उनके साथ विवाह करना चाहती थीं। अंततः, दक्ष की यह असहमति दक्ष यज्ञ की घटना में परिवर्तित हुई, जहां सती ने अपने पिता द्वारा शिव का अपमान सहन न कर पाने के कारण आत्मदाह कर लिया।