रस्सी कूदना और तैराकी कद लंबा करने के लिए और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन योग तकनीक है -डॉ अर्चिता महाजन

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रस्सी कूदने से याददाश्त, सतर्कता, एकाग्रता और पढ़ने के कौशल में सुधार होता है

यह कार्डियो व्यायाम पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन, दर्द या सूजन को कम करने में प्रभावी है।

देवभूमि न्यूज नेटवर्क
हिमाचल प्रदेश
चंम्बा

डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि रस्सी कूदने और तैराकी से लंबाई बढ़ने की बात एक मिथक है. हालांकि, तैराकी से शरीर लंबा लग सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तैराकी के दौरान शरीर पर गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव कम हो जाता है और पानी पर स्थिर रहने के लिए शरीर को खींचकर रखा जाता है. साथ ही, तैराकी से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और मुद्रा में सुधार होता है. इन वजहों से तैराकी के बाद शरीर लंबा लग सकता है,

लेकिन यह असर शायद ही कभी स्थायी होता है.  तैराकी और रस्सी कूदने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे हड्डियों पर दबाव पड़ता है और वे फैलती हैं. इससे लंबाई बढ़ती है. खासकर यौवन के दौरान रस्सी कूदने से हड्डियों का द्रव्यमान ज़्यादा होता है. एक बार यौवन आने के बाद, हर साल करीब चार इंच की दर से लंबाई बढ़ सकती है. हालांकि, हर व्यक्ति की लंबाई बढ़ने की रफ़्तार अलग-अलग होती है. रस्सी कूदने के कई और फ़ायदे भी हैं: यह शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाता है, हड्डियां मज़बूत होती हैं, मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता है, तनाव कम करता है,

चेहरे पर चमक लाता है. रस्सी कूदने से शरीर के कई अंगों का इस्तेमाल होता है, जैसे कि पैर, पेट की मांसपेशियां, कंधे, कलाइयां, दिल, और अंदरूनी अंग. रस्सी कूदने से जोड़ों पर दौड़ने की तुलना में कम असर पड़ता है. यह टखने और घुटनों में मांसपेशियां बनाने में मदद करता है, जिससे चोटों को कम करने में मदद मिलती है. रस्सी कूदने से दिमाग़ में गतिविधि बढ़ती है, जिससे याददाश्त, सतर्कता, एकाग्रता, और पढ़ने के कौशल में सुधार होता है. 10 मिनट तक रस्सी कूदने से लगभग 100 कैलोरी बर्न हो सकती है। इसलिए, यदि आप 1000 बार रस्सी कूदते हैं, तो आप लगभग 1000 कैलोरी बर्न कर सकते हैं।