शिमला जिला में आने वाले प्रवासी श्रमिकों को थाने में देनी होगी पहचान
देवभूमि न्यूज डेस्क
शिमला
हिमाचल प्रदेश: शिमला जिला में मजदूरी एवं विभिन्न कार्यों से आजीविका सुनिश्चित करने के लिए आने वाले प्रवासी श्रमिकों को थाने में अपनी पहचान सुनिश्चित करनी होगी। कोई भी नियोक्ता, ठेकेदार या व्यवसायी किसी भी प्रवासी श्रमिक को कार्य पर या ठेका मजदूरी पर तैनात नहीं कर सकता जब तक कि प्रवासी मजदूर की संबधित क्षेत्र के थाने में पहचान न हो जाए। इस संबंध में पास पोर्ट साइज फोटो और विवरण थाने में देना होगा। जिला दंडाधिकारी आदित्य नेगी ने सोमवार को मामले पर आदेश जारी किए हैं।

जारी आदेशों के अनुसार उपरोक्त मजदूर या व्यक्ति संबंधित थाने में अपनी पहचान दिए बिना किसी भी प्रकार का स्वरोजगार नहीं कर सकेगा। यदि इन आदेशों की अवहेलना की जाती है तो संबंधित मजदूर और उसके नियोक्ता या ठेकेदार के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अपराधों पर लगाम लगाने के लिए इन आदेशों को जारी किया गया है। कई बार प्रवासी मजदूर या स्वरोजगार की तलाश में बाहर से आने वाले लोग आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाए जाते हैं। पहचान न होने के कारण अपराधी को पकड़ना मुश्किल हो जाता है। इसके चलते ही इन आदेशों को जारी किया गया है। इन आदेशों को आगामी दो महीने तक प्रभावी माना जाएगा।