सनातन विज्ञान से है भरपूर -डॉक्टर अर्चिता महाजन
देवभूमि न्यूज डेस्क
चंबा
सनातन के बारे में बहुत अनाप-शनाप बोला जाता है क्योंकि वह लोग सब अंधविश्वास की नजर से देखते हैं इसमें कोई शक नहीं सनातन को कुछ लोगों ने अंधविश्वास की तरफ धकेल दिया पर सनातन के नियम आज भी सत्य है यदि शुगर कैंसर और मानसिक रोगों से बचना है तो नवरात्रि के व्रत जरूर करें एक डाइटिशियन और योगा टीचर की नजर से देखें यह सनातन की ही नवरात्रों में व्रत रखने की परंपरा है

जो पूरे शरीर को डिटॉक्स कर देती है और अगले 6 महीने तक उसे फिर से जवान कर देती है यह मैं नहीं कह रही इस बात को जापान के ही एक वैज्ञानिक ने अपने प्रयोगों द्वारा इसे सिद्ध करके नोबेल प्राइज जीता है उसने इस थ्योरी का नाम ऑटो फिगी दिया है जिसका अर्थ है यदि आप कुछ दिन तक निराहार व्रत रखते हैं तो शरीर की स्वस्थ कोशिकाएं बीमार कोशिकाओं को खा जाती हैं छोटी मोटी बीमारियां तो वैसे ही खत्म हो जाती हैं और जहां तक उन्होंने साबित किया है की कैंसर तक इससे खत्म हो सकता है योशिनोरी को ऑटोफैगी को लेकर रिसर्च के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा. इस प्रक्रिया में कोशिकाएं खुद को खा लेती हैं और उन्हें बाधित करने पर पार्किंसन एवं मधुमेह जैसी बीमारियां हो सकती हैं. नोबेल ज्यूरी ने कहा, ऑटोफैगी जीन में बदलाव से बीमारियां हो सकती हैं और ऑटोफैगी की प्रक्रिया कैंसर तथा मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों जैसी कई स्थितियों में शामिल होतीऔर अब वह एक हमारे जहां देखो यह थ्योरी न जाने कितने सालों से चली आ रही है

पर इसे स्वास्थ्य के साथ जोड़ने की बजाए इसे प्रथा के साथ जोड़ दिया गया जिसे धीरे-धीरे लोगों ने अंधविश्वास बना दिया आज लोग व्रत धारण करने को पिछड़ी सोच और अंधविश्वास मानते हैं जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है अब तो वैज्ञानिकों ने भी सिद्ध कर दिया है की जब हम कोई आहार नहीं लेते तो शरीर की बीमार कोशिकाओं को स्वस्थ कोशिकाएं खा जाती हैं और दुनिया ने इसी बात पर उनको नोबेल प्राइज भी दिया है इसलिए अब आपको कोई नवरात्रि के व्रत के बारे में बुरा भला कहें तो उसे कहना कि जरा गूगल पर ऑटो फिगी सर्च कर ले💐डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डायटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पदम श्री राष्ट्रीय पुरस्कार एवं नॉमिनेटेड फॉर नेशनल यूथ अवार्ड 96381 9 002