राष्ट्रीय नवीन शिक्षा नीति को कैबिनेट ने दी मंजूरी

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राष्ट्रीय नवीन शिक्षा नीति को कैबिनेट ने दी मंजूरी

देवभूमि न्यूज डेस्क
नई दिल्ली

भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित केन्द्रीय सरकार Central Government की कैबिनेट की स्वीकृति के बाद 36 साल बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई। लगभग 34 साल बाद नई शिक्षा नीति new education policy का प्रावधान प्रचलन में लाया गया था और आज 36 साल बाद इसे मंजूरी दे दी गई है हालांकि यह काम बहुत पहले होना चाहिए था लेकिन देर आए दुरुस्त आए ।


अब यह हो गया है शिक्षा में बड़ा बदलाव।
कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2023) को हरी झंडी दे दी है। 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। नवीन शिक्षा नीति में हुए बदलाव से यह परिवर्तन होंगे जो कि आसान भाषा में आपके सामने प्रस्तुत हैं।

5 साल का मूलभूत पाठ्यक्रम5 year foundation course

1. Nursery @ 4 Years
2. Jr KG @ 5 Years
3. Sr KG @ 6 Years
4. Std 1st @ 7 Years
5. Std 2nd @ 8 Years

तीन साल की तैयारी three years preparation

6. Std 3rd @ 9 Years
7. Std 4th @10 Years
8. Std 5th @11 Years
Three Years Middle
9. Std 6th @ 12 Years
10.Std 7th @ 13 Years
11.Std 8th @ 14 Years

4 वर्ष का हाई स्कूल पाठ्यक्रम Four Years Secondary
12.Std 9th @ 15 Years
13.Std SSC @ 16 Years
14.Std FYJC @ 17Years
15.STD SYJC @18 Years

नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति की खास बातें।
केवल 12वीं क्‍लास में होगा बोर्ड
MPhil होगा बंद, कॉलेज की डिग्री 4 साल की
10वीं बोर्ड खत्‍म।
अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा। बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा।
पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा।
9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी। स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा।
कॉलेज की शिक्षा में हुआ है यह बदलाव।
वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्‍लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी।

3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है। वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी। 4 साल की डिग्री करने वाले स्‍टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे।

MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे।

स्‍टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स। हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है।

हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं। सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे। वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे। एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा। बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं।
सरकारी, निजी, डीम्‍ड सभी संस्‍थानों के लिए होंगे समान नियम।