बच्चों को नजला जुकाम ज्यादा परेशान क्यों करता है
बच्चों को बहुत ज्यादा जरूरत पड़ने पर ही एंटीबायोटिक दें उन्हें एंटीबायोटिक का आदि ना बनाएं
देवभूमि न्यूज नेटवर्क
हिमाचल प्रदेश
चंम्बा
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया किसुबह और शाम हल्की ठंड महसूस होने लगी है, जिसके कारण लोग बीमारियों का सामना कर रहे हैं. इसके अलावा सिर में भारीपन, खांसी, जुकाम और थकान जैसी कई समस्याएं भी होने लगी है. बदलते मौसम और प्रदूषण के कारण बच्चों को नैला जुकाम बहुत जल्दी हो जाता है
क्योंकि उनकी इम्यूनिटी थोड़ी कमजोर होती है ऐसे में आपको कुछ घरेलू मसाले की सहायता से बच्चों की इम्युनिटी बढ़ा सकते हैं। पिसी हुई काली मिर्च का प्रयोग बच्चों को किसी न किसी तरीके से चाहे दही में डाल कर दे चाहे सब्जी में और यदि बच्चा बहुत ज्यादा आनाकानी करें तो उसे शहद में डाल कर दें। अदरक का प्रयोग बढ़ा दे अदरक वाली चाय यदि बच्चा चाय पीता है तो बहुत बढ़िया है नहीं तो इसका रस निकालकर काली मिर्च के पाउडर के साथ शहर में मिला कर दिया जा सकता है। बच्चों को दूध बदलते मौसम में नहीं देना चाहिए जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है उनका रेशा जल्दी बनता है इसलिए दूध में हल्दी डालकर बच्चों को दी जा सकती है हल्दी वाला दूध रेशा नहीं बनाएगा। जिन बच्चों को मौसम बदलने पर जल्दी-जल्दी नाक बहना शुरू हो जाता हो उन बच्चों को सुबह-शाम दो बार शुद्ध देसी घी यदि नहीं मिले तो सरसों का तेल की दो-तीन बूंदे दोनों नाक में छेदों में डाल देनी चाहिए।
बच्चों को शरीर पूरी तरह कपड़ों से ढका रहना चाहिए। रात को सोते समय नजला जुकाम के ग्रस्त बच्चों को बेसन वाला दूध रात को सोते समय जरूर देना चाहिए। बहुत ज्यादा जरूरी हो तभी बच्चों को एंटीबायोटिक दें। छोटे-मोटे रोगों के लिए बच्चों को एंटीबायोटिक बिल्कुल नहीं देना चाहिए क्योंकि यह एंटीबायोटिक गंभीर रोगों में फिर शरीर पर काम नहीं करता हर बार उससे ज्यादा मिलीग्राम का एंटीबायोटिक देना पड़ता है धीरे-धीरे शरीर उसका आदि हो जाता है ऐसे में बच्चों को एंटीबायोटिक ज्यादा जरूरत पड़ने पर ही दें।