देवभूमि न्यूज 24.इन
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सुक्खू सरकार भ्रष्टाचार, घोटाला और कुव्यवस्था की प्रतीक बन गई है। कांग्रेस सरकार के घोटाले और काले कारनामे इस हद तक निचले स्तर पर पहुँच गए हैं कि हिमाचल प्रदेश की धरोहरों की भी कुर्की की नौबत आ गई है।
दिल्ली के मंडी हाउस स्थित हिमाचल प्रदेश के गौरव हिमाचल भवन की कुर्की का आदेश हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट को देना पड़ा है क्योंकि हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड को बकाये 64 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया।
इतना ही नहीं, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अंतर्गत आने वाले राज्य के धरोहर 18 होटलों को भी बंद करने का आदेश हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट को देना पड़ा है।
वास्तव में ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस सरकार अपने चहेतों में इन होटलों का बंदरबांट करना चाहती है। यह शंका जताई जा रही है कि कांग्रेस की सुक्खू सरकार, एचपीटीडीसी के 18 होटलों को अपने दोस्तों को लीज पर देगी। यह सभी इतने प्रीमियम और प्राइम होटल हैं, जिनकी एंट्री टिकट से ही साल की 2 से 3 लाख रुपए की कमाई हो जाती है।
कांग्रेस की सुक्खू सरकार खुद पर चल रहे मुकदमों के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में करोड़ों रुपए देकर वकील खड़े कर रही है लेकिन राज्य की धरोहरों को सहेजने की ओर से उसने आँखें मूँद ली है। वास्तव में कांग्रेस की नीयत ही हिमाचल प्रदेश के धरोहरों को बचाने की नहीं है बल्कि इसे लूटने की है।
एचपीटीडीसी के सभी 18 होटल हिमाचल प्रदेश की धरोहर हैं और राज्य के ताज हैं। अगर ओक्युपेंसी की बात की जाय तो 40% कम नहीं होती, साथ ही इसके अंतर रेस्तरां और दूसरे इनकम के भी सोर्स होते हैं। तो फिर क्यों हिमाचल प्रदेश के ये 18 धरोहर घाटे में गए? स्पष्ट है कि कांग्रेस की भ्रष्टाचारी और लापरवाह सरकार ने इसका मैनेजमेंट अच्छे तरीके से नहीं किया।
जो लोग हिमाचल प्रदेश को हिंदुस्तान की पर्यटन राजधानी बनाने की बात करते थे और कहते थे कि हिमाचल में पर्यटन अच्छा चल रहा है, बाहर से लाखों लोग घूमने आ रहे हैं तो फिर हिमाचल प्रदेश की ऐसी शर्मनाक स्थिति क्यों हुई? इन जगहों पर काम कर रहे राज्य सरकार के कर्मचारियों का क्या होगा? क्या हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने इन धरोहरों को बचाने का कोई मास्टर प्लान तैयार किया – नहीं क्योंकि इनका ध्यान तो भ्रष्टाचार करने में लगा रहता है, कुर्सी बचाने में लगा रहता है।
हिमाचल प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। हर तरफ लूट, अराजकता और घोटालों की बू आ रही है। कांग्रेस की सुक्खू सरकार की गलत नीतियों का ही परिणाम है कि हिमाचल प्रदेश को अपने इतिहास के ये दुर्दिन देखने पड़ रहे हैं।