नवजात शिशु को धूप में बैठाना फ़ायदेमंद होता है/डॉ अर्चिता महाजन

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सर्दियों में जन्मे बच्चों के लिए धूप जरूरी है परंतु समय का ध्यान रखें

देवभूमि न्यूज 24.इन

डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि अक्टूबर से फरवरी मार्च तक जन्मे बच्चों को मजबूत हड्डियों के लिए विटामिन डी की पूर्ति के लिए धूप में ले जाना बहुत फायदेमंद होता है परंतु समय का ध्यान रखें। सिर्फ अर्ली मॉर्निंग की धूप ही फायदेमंद होती है दूसरी नहीं उसके बाद धूप में रखने से नुकसान भी हो सकते हैं।सुबह 6 बजे से 9 बजे से पहले तक का समय ऐसा होता है जब सूरज की रोशनी हल्की होती है, सूरज से आने वाली इंफ्रारेड और अल्ट्रावॉयलेट किरणें काफी कमजोर होती हैं,

जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त होती हैं। इसके अलावा, सुबह की हवा अभी भी बहुत ताज़ा होती है, साथ ही इस समय सूरज की रोशनी इतनी तेज़ नहीं होती कि बच्चे की नाजुक त्वचा को नुकसान पहुंचा सके।धूप में विटामिन डी मिलता है, जिससे शरीर में कैल्शियम अवशोषित होता है और हड्डियां मज़बूत होती हैं. 

धूप से मेलाटोनिन का लेवल कम होता है और सेरोटोनिन का लेवल बढ़ता है, जिससे एनर्जी बढ़ती है और मूड अच्छा रहता है. धूप से ब्रेन डेवलपमेंट होता है. धूप से पीलिया के लक्षण कम होते हैं और बच्चा इस बीमारी से बच सकता है. धूप से डायपर रैश से बचने में मदद मिलती है6 महीने से कम उम्र के बच्चों को सीधी धूप से दूर रखना चाहिए । बड़े बच्चों को भी जितना संभव हो सके धूप से दूर रखना चाहिए, खासकर गर्मियों में और सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच, जब सूरज सबसे तेज होता है।