देवभूमि न्यूज 24.इन
〰️🌼〰️〰️〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️सामग्री, मंत्र एवं पूजा विधि……………अगहन (मार्गशीर्ष) के महीने में शंख पूजन का विशेष महत्व है। अगहन के महीने में किसी भी शंख को भगवान श्रीकृष्ण का पंचजन्य शंख मान कर उसका पूजन-अर्चन करने से मनुष्य की समस्त इच्छाएं पूरी होती हैं।.विष्णु पुराण के अनुसार शंख समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त हुए 14 रत्नों में से एक रत्न है।
सुख-सौभाग्य की वृद्धि के लिए इसे अपने घर में स्थापित करना चाहिए। दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी स्वरूप कहा जाता है। इसके बिना लक्ष्मीजी की आराधना पूरी नहीं मानी जाती है।.माना जाता है कि अगहन मास में खास तौर पर गुरुवार के दिन लक्ष्मी पूजन करते समय दक्षिणावर्ती शंख की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त भी प्रतिदिन घर में शंख पूजन करने से जीवन में कभी भी रुपए-पैसे, धन की कमी महसूस नहीं होती।.शंख पूजन की सामग्री की सूची………….
- शंख
- कुंमकुंम,
- चावल,
- जल का पात्र,
- कच्चा दूध,
- एक स्वच्छ कपड़ा,
- एक तांबा या चांदी का पात्र (शंख रखने के लिए)
- सफेद पुष्प,
- इत्र,
- कपूर,
- केसर,
- अगरबत्ती,
- दीया लगाने के लिए शुद्ध घी,
- भोग के लिए नैवेद्य
- चांदी का वर्क आदि।
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ऐसे करें शंख का पूजन………….
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प्रात: काल में स्नान कर स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करें।
पटिए पर एक पात्र में शंख रखें।
अब उसे कच्चे दूध और जल से स्नान कराएं।
अब स्वच्छ कपड़े से उसे पोंछें और उस पर चांदी का वर्क लगाएं।
तत्पश्चात घी का दीया और अगरबत्ती जला लीजिए।
अब शंख पर दूध-केसर के मिश्रित घोल से श्री एकाक्षरी मंत्र लिखें तथा उसे चांदी अथवा तांबा के पात्र में स्थापित कर दें।
अब उपरोक्त शंख पूजन के मंत्र का जप करते हुए कुंमकुंम, चावल तथा इत्र अर्पित करके सफेद पुष्प चढ़ाएं।
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अगहन मास में निम्न मंत्र से शंख पूजा करनी चाहिए…………
त्वं पुरा सागरोत्पन्न विष्णुना विधृत: करे।
निर्मित: सर्वदेवैश्च पाञ्चजन्य नमोऽस्तु ते।
तव नादेन जीमूता वित्रसन्ति सुरासुरा:।
शशांकायुतदीप्ताभ पाञ्चजन्य नमोऽस्तु ते॥
नैवेद्य का भोग लगाकर पूजन संपन्न करें।
ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करना है तो ऐसे करें शंख का प्रयोग……………
धार्मिक शास्त्रों और ज्योतिष में शंख का अत्यंत महत्व है। शंख का इसे कुबेर का प्रतीक भी माना जाता है। आइए, जानते हैं ग्रहों के प्रभाव को कैसे शांत करें शंख के माध्यम से…
सोमवार को शंख में दूध भरकर शिवजी को चढ़ाने से चंद्रमा ठीक होता है।
मंगलवार को शंख बजाकर सुंदरकांड पढ़ने से मंगल का कुप्रभाव कम होता है।
बुधवार को शालिग्राम जी को शंख में जल व तुलसा जी डालकर अभिषेक करने से बुध ग्रह ठीक होता है।
शंख का केसर से तिलक कर पूजा करने से भगवान विष्णु व गुरु की प्रसन्नता मिलती है।
शंख सफेद कपड़े में रखने से शुक्र ग्रह बलवान होता है।
शंख में जल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
लक्ष्मी पूजा में शंख की पूजा करने से धन-धान्य तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
✍️ज्यो:शैलेन्द्र सिंगला पलवल हरियाणा mo no/WhatsApp no9992776726
नारायण सेवा ज्योतिष संस्थान