मार्गशीर्ष अमावस्या 2024 : मार्गशीर्ष अमावस्‍या कब है, जानें शुभ मुहूर्त, महत्‍व और पितरों को प्रसन्‍न करने के उपाय

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देवभूमि न्यूज 24.इन

🌚मार्गशीर्ष अमावस्‍या इस बार 30 नवंबर को शनिवार को मनाई जाएगी। यह साल की आखिरी शनिश्‍चरी अमावस्‍या तिथि है। मार्गशीर्ष अमावस्‍या के दिन भगवान विष्‍णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन स्‍नान-दान करने से आपको विशेष पुण्‍य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष अमावस्‍या की तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में विस्‍तार से।

मार्गशीर्ष अमावस्‍या का पौराणिक महत्‍व बहुत ही खास माना जाता है। मार्गशीर्ष मास भगवान विष्‍णु का सबसे प्रिय महीना होता है और मार्गशीर्ष अमावस्‍या पर उनकी विधि विधान से पूजा करने पर आपके सभी रुके कार्य पूर्ण होते हैं और आपको भगवान विष्‍णु का आशीर्वाद प्राप्‍त होता है। मार्गशीर्ष अमावस्‍या 30 नवंबर शनिवार को है। इस दिन व पवित्र नदी में स्‍नान करने और दान पुण्‍य करने का खास महत्‍व शास्‍त्रों में माना गया है। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष अमावस्‍या का शुभ मुहूर्त, महत्‍व और पूजाविधि।

🌑मार्गशीर्ष अमावस्‍या कब से कब तक
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मार्गशीर्ष अमावस्‍या मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत इस साल 1 दिसंबर 2024 को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 30 नवंबर सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी। यह 1 दिसंबर सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्‍त होगी। इसलिए जो लोग व्रत करते हैं और स्‍नान दान करते हैं वे 1 दिसंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या का विधि विधान करेंगे। वहीं जो लोग पितरों के लिए पूजापाठ या उपाय करते हैं वे 30 नवंबर को करेंगे। इस तरह यह साल की आखिरी शनिश्‍चरी अमावस्‍या भी होगी।

🌑मार्गशीर्ष अमावस्‍या का महत्‍व
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अमावस्या एक महत्वपूर्ण दिन है जो हर महीने आता है। यह दिन पितरों को याद करने और उन्हें सम्मान देने के लिए होता है। पितृ दोष से बचने के लिए लोग तर्पण और पिंडदान करते हैं। यह एक तरह से अपने पूर्वजों को जल और भोजन अर्पित करना है। इसके अलावा, अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा का भी विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इससे शनि के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती है। कुछ लोग इस पवित्र दिन पर व्रत भी रखते हैं ताकि उनका मन और शरीर शुद्ध रहे।

अमावस्या के दिन कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ भी होते हैं। शनिवार के दिन अमावस्‍या होने से इसका महत्‍व और बढ़ जाता है। इस दिन दान पुण्‍य करने से आपको शनि की दशा में भी लाभ मिलता है।

🌑मार्गशीर्ष अमावस्‍या पर पितरों को प्रसन्‍न करने के लिए क्‍या करें
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  • मार्गशीर्ष अमावस्‍या पर पितरों को प्रसन्‍न करने के लिए शाम के वक्‍त पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • मार्गशीर्ष अमावस्‍या शनिवार को होने की वजह से शनि की प्रिय वस्‍तुओं का दान करें। काली उड़द, काले तिल और काला छाता दान करना शुभ होगा।
  • मार्गशीर्ष अमावस्या पर विधिपूर्वक पूजा करें और पितृ स्तोत्र एवं पितृ कवच का पाठ करें। ऐसा करने से आपको पितृ दोष में राहत मिलती है। *🚩#हरिऊँ🚩*