कोल्ड ड्रिंक खाने के साथ पीने की आदत है तो बदले -डॉ अर्चिता महाजन

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फैटी लीवर डायबिटीज और किडनी डैमेज होने की संभावना हो सकती है

देवभूमि न्यूज नेटवर्क
हिमाचल प्रदेश
चंम्बा

डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि स्वीडन में 70,000 वयस्कों पर की गई एक हालिया स्टडी में खुलासा हुआ है कि लगातार सॉफ्ट ड्रिंक पीने से दिल की बीमारियों का खतरा मिठाई खाने की तुलना में ज्यादा बढ़ जाता है. इसमें स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, अनियमित दिल की धड़कन और एनेयूरिज्म (धमनियों में सूजन) जैसी गंभीर समस्याएं शामिल हैं.स्वीडन में किए गए इस शोध में प्रतिभागियों ने 1997 और 2009 के बीच डाइट संबंधी प्रश्नावली भरी.

इसमें यह पूछा गया कि वे कितनी कैलोरी तीन मुख्य सोर्स से प्राप्त करते हैं – सॉफ्ट ड्रिंक और शुगर ड्रिंक, जैम या शहद जैसे टॉपिंग्स और पेस्ट्री, कैंडी या आइसक्रीम जैसी मिठाई. 20 वर्षों से अधिक के फॉलो-अप के बाद, लगभग 26,000 लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ा.

स्टडी के अनुसार, सॉफ्ट ड्रिंक पीने वालों में यह खतरा सबसे अधिक पाया गया.कोल्ड ड्रिंक में मौजूद कार्बनेटेड तत्व पाचन को बाधित कर सकते हैं और पेट में गैस, अपच, या ब्लोटिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं. कोल्ड ड्रिंक पीने से लिवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ का खतरा बढ़ जाता है. कोल्ड ड्रिंक में मौजूद शक्कर से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है.

कोल्ड ड्रिंक में मौजूद फ़ॉस्फ़ोरस की वजह से शरीर को कैल्शियम अवशोषित करने में दिक्कत होती है, जिससे हड्डियों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. कोल्ड ड्रिंक पीने से शरीर डीहाइड्रेट हो सकता है. कोल्ड ड्रिंक पीने से महिलाओं में हॉर्मोन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं.अगर आप एसिडिक लिक्विड यानि सॉफ्ट ड्रिंक पीते हैं तो यह आपके सिस्टम में 36 घंटे के लिए रुक जाता है, जो आपके पेशाब रचना को अम्लीय से क्षारीय में बदलने के लिए काफी है। इसलिए अगर आप एक दिन में छह से सात केन कोल्ड ड्रिंक के पीते हैं, तो इससे आपकी किडनी खराब हो सकती है। इस तरह की ड्रिंक्स पीने वाले किशोर और युवाओं को कम उम्र में ही किडनी स्टोन होने का खतरा बढ़ जाता है।