पैसिव स्मोकिंग और सेकंड हैंड स्मोकिंग छोटे बच्चों और बूढ़ों के लिए खतरनाक है
*देवभूमि न्यूज 24.इन*
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि सर्दियों में सर्दी के मौसम में स्मोकिंग डबल अटैक करता है। इन दिनों स्मोकिंग से भी ज्यादा खतरनाक पैसिव स्मोकिंग हो जाता है। इसकी वजह हवा में मौजूद नमी बताई जाती है। इससे स्मोकिंग के बाद निकलने वाला धुआं हवा में मिक्स होकर दूर जाने के बजाए स्मोकर के आसपास ही रह जाता है और फिर स्मोकिंग के दौरान लिए जाने वाले दूसरे कश में वही धुआं वह फिर लेता है, जो एक तरह से पैसिव स्मोकिंग है और यह कई मायने में खतरनाक है।
तो इस प्रकार घर में बैठे हुए सभी बुजुर्ग बच्चे सभी पैसिव स्मोकिंग का शिकार हो सकते हैं ना चाहते हुए भी वह आपसे ज्यादा सिगरेट पी रहे हैं क्योंकि धुआं तो बाहर जा नहीं रहा ।सर्दी में हवा में नमी का लेवल 100 पर्सेंट तक होता है, इससे हवा में भारीपन आ जाता है और यह धुंध के साथ मिक्स कर जाता है। ऐसे में एक स्मोकर एकसाथ टॉक्सिन पॉल्यूटेंट्स का डबल डोज लेता है और यह ज्यादा खतरनाक होता है।धूम्रपान से रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं,
जिससे हाथ-पैर ठंडे होने की संभावना बढ़ जाती है. धूम्रपान से श्वसन संबंधी समस्याएं और भी बदतर हो जाती हैं. धूम्रपान से हार्ट अटैक, लकवा, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां हो सकती हैं. धूम्रपान से फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. धूम्रपान से अस्थमा जैसी श्वसन स्थितियों या सामान्य सर्दी जैसे श्वसन पथ के संक्रमण के लक्षण बढ़ सकते हैं. धूम्रपान से महाधमनी धमनीविस्फार का खतरा बढ़ जाता है. धूम्रपान से त्वचा की स्थिति डिस्कॉइड ल्यूपस एरिथेमेटोसस बढ़ जाती है. धूम्रपान से पुरुषों में स्तंभन दोष (नपुंसकता) हो सकती है.