यह देश मदर टेरेसा का नहीं माता मदालसा का है ।

Share this post


✍️देवभूमि न्यूज 24.इन
〰️🌼〰️〰️〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️
माता मदालसा का वर्णन अनेको पुराणों में प्राप्त होता है।
यह राजा कुवलाश्व की पत्नी थी। इनके तीन पुत्र हुए जिनको बाल्य काल में ही इन्होंने आत्मज्ञान का उपदेश किया लोरियो के माध्यम से
उन लोरियो का ऐसा प्रभाव बच्चों पर पड़ा कि बच्चे बचपन में ही ममता शून्य और अहंकार शून्य हो गए और आत्म तत्व का अनुभव करने में समर्थ हो गए।


तथा बचपन में ही इन्होंने भगवत प्राप्ति कर ली।
तीन बच्चों के भागवत प्राप्त होने के बाद जब पति ने इनसे कहा की एक ऐसा पुत्र उत्पन्न करो जो हमारे राज्य को भली भांति चला सके और गृहस्थ आश्रम में प्रवृत हो
पति के आज्ञा अनुसार इन्हें चौथ पुत्र हुआ जिसका नाम अलर्क रखा गया इस पुत्र को माता मदालसा ने गृहस्थी की शिक्षा दी।


और आगे चल की यह चक्रवर्ती सम्राट हुआ।
तथा इस पुत्र ने अपनी वृद्धावस्था में भगवान दत्तात्रेय से श्री गुरु दीक्षा प्राप्त की और उनका अनुचर हुआ तथा अंत में भगवत धाम को प्राप्त हुआ।