एसिडिटी, पथरी या पाइल्स जैसी कोई पाचन संबंधी समस्या मैं बैगन से परहेज करें
देवभूमि न्यूज नेटवर्क
हिमाचल प्रदेश
चंम्बा
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया किगर्भवती महिलाओं को अपनी डाइट का बहुत खास ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि सेहत के साथ जरा सी भी लापरवाही बरतना गर्भ में पल रहे शिशु और मां की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। बहरहाल, गर्भावस्था में कई महिलाएं बैंगने खाने से बचती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार बैंगन ऊष्ण वीर्य युक्त होता है अर्थात गर्म तासीर का होता है। बैंगन में बहुत ज्यादा मात्रा में फाइटोहार्मोंस होते हैं, जो प्रेग्नेंसी में पीरियड्स को उत्तेजित करने का काम कर सकता है। इससे गर्भस्थ शिशु को नुकसान हो सकता है।
फाइटोहार्मोंस प्री-मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम और एमेनोरिया के लिए इलाज में उपयोगी होता है। इसका मतलब है कि अगर गर्भवती महिला काफी ज्यादा मात्रा में बैंगन का सेवन करती है, तो इसकी वजह से गर्भावस्था में महिला को ब्लीडिंग हो सकती है।
इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के दौरान बैंगन का अधिक सेवन करने से प्री-मैच्योर डिलीवरी का खतरा भी बढ़ सकता है।। बैंगन में मौजूद सोलेनाइन नामक तत्व विषाक्त होता है जिससे एसिडिटी बढ़ सकती है। यह कंडीशन प्रेग्नेंट महिला के लिए सही नहीं है। अगर लंबे समय तक महिला को एसिडिटी बनी रहती है, तो इसकी वजह से उसकी असहजता बढ़ सकती है, जो बच्चे की सेहत पर नेगेटिव असर डाल सकता है।