पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को यह समस्या ज्यादा होती है
*देवभूमि न्यूज 24.इन*
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि हमारे देश की काफी आबादी डायबिटीज की चपेट में आ चुकी है। कुछेक तो रेगुलर टेस्ट करा कर डाइट और मेडिसिन लेकर अपना बचाव कर लेते हैं परंतु समस्या उन लोगों से है जो यह मानने को तैयार ही नहीं होते कि लक्षण प्रकट होने के बावजूद भी टेस्ट कराना जरूरी होता है।
जिन लोगों के माता-पिता को डायबिटीज हो वह लोग बहुत जल्दी प्री-डायबिटीज स्टेज पर आ जाते हैं।बीएमसी पल्मोनरी मेडिसिन जर्नल में 2017 में प्रकाशित एक तुलनात्मक अध्ययन के अनुसार, बलगम के साथ होने वाली क्रोनिक खांसी की समस्या हाई ब्लड शुगर लेवल का गंभीर संकेत हो सकती है. इस स्टडी में लॉजिस्टिक रिग्रेशन मॉडल के जरिए रेस्पिरेटरी लक्षणों पर टाइप 2 डायबिटीज के प्रभाव की जांच की गई. स्टडी के परिणामों के अनुसार, टाइप 2 डायबिटीज और सांस की बीमारी के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध नजर आया।.हर 8 में से 1 पुरुष को ये समस्या होती है, वहीं महिलाओं में तीन में एक महिला को ये समस्या होती है.यूरिन हमारे ब्लैडर में स्टोर होती रहती है, जब ब्लैडर भरने लगता है तब हमें यूरिन पास करने की जरूरत होती है और इसका प्रेशर महसूस होता है.
कई लोग ऐसे हैं जो पेशाब आने पर भी यूरिन रोक लेते हैं. इनकॉन्टिनेंस की प्रॉब्लम तब होती है जब पेशाब को रोककर रखने वाली मांसपेशियां कमजोर (Overactive bladder) पड़ जाती हैं. ऐसे में तेज हंसने या खांसी का हल्का सा झटका पड़ने पर भी यूरिन निकल आती हैडॉ अर्चिता महाजन रोज सुबह 10:00 से 12 कपूरी गेट सेवा भारती सेवा धाम में दोपहर 12 से 2 जय श्री बाबा लाल जी चैरिटेबल हॉस्पिटल और 3 से 5 संत तुलसीदास जी चैरिटेबल हॉस्पिटल बाबा बालक नाथ मंदिर हसली पुल (गाद्धी नशीन भक्त कुणाल जी) के यहां सेवा में उपलब्ध है।