देवभूमि न्यूज 24.इन
हिमाचल प्रदेश में जलशक्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की उत्कृष्ट सेवाओं को सम्मान देने के लिए जलशक्ति गौरव पुरस्कार शुरू किया जाएगा। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार हर साल उन कर्मियों को प्रदान किया जाएगा, जो अपनी सेवाओं में उत्कृष्टता और समर्पण का प्रदर्शन करते हुए हर घर व खेत तक पानी पहुंचाने के लक्ष्य को साकार कर रहे हैं। कांगड़ा मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय जल जागरूकता समारोह को संबोधित करते हुए मुकेश अग्रिहोत्री ने इस आशय की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार के लिए विस्तृत नियमावली तैयार की जा चुकी है। यह कदम उन कर्मियों का उत्साहवर्धन करेगा, जो कठिन परिस्थितियों में भी जिम्मेदारियों का निष्ठापूर्ण निर्वहन कर रहे हैं।
उन्होंने ने कहा कि केंद्र हिमाचल के हितों से खिलवाड़ कर रहा है। केंद्र सरकार प्रदेश के पैसों को रोकने और परियोजनाओं को अटका कर हिमाचलवासियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, लेकिन प्रदेश सरकार विकास की गति को रुकने नहीं देगी। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि विभागीय टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो और जो अच्छा काम करेंगे, उन्हें सम्मानित किया जाएगा, जबकि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को सख्ती से दंडित दिया जाएगा।

समारोह में विधायक विवेक शर्मा, विधायक सुदर्शन बबलू,डीसी जतिन लाल सहित जल शक्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ काम कर रही है और गलत काम करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। हमने ठियोग प्रकरण में हमने 10 अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया, ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया और जांच प्रक्रिया शुरू की। प्रदेश में जल शक्ति विभाग के 20 हजार कर्मचारी लोगों के घरों और खेतों में पानी पहुंचाने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं। उन्होंने विभाग के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की मेहनत और निष्ठावान सेवाओं के लिए सराहना की। कार्यक्रम में दो जांबाज कर्मवीरों स्व. राजेश कुमार व स्व. गुल्लू राम को मरणोपरांत सम्मान प्रदान करते हुए

उनके परिजनों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए, जबकि प्रदेश के 126 उत्कृष्ट कर्मियों को जलशक्ति सम्मान प्रदान किया गया।
डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार ने पूर्व में लंबित पड़ी योजनाओं को पूरा करने की दिशा में काम किया है। लंबे समय से अटकी फिन्ना सिंह परियोजना और शाहनहर परियोजना के काम को हमारी सरकार ने निर्णायक अंजाम दिया है। विभाग में पूर्व सरकार के समय में जो जलरक्षक रखे गए हैं, उन्हें तत्कालीन शर्तों-नियमों के अनुरूप ही नियमित किया जाएगा।