*देवभूमि न्यूज 24.इन*
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत की वजह से उनमें हिंसक व्यवहार ने जन्म ले लिया है और जिसके चलते वे कई बार आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे देते हैं। भले ही मोबाइल फोन ऑनलाइन पढ़ाई और नयी चीजों को सीखने में बहुत काम आ रहा है लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत उन्हें गलत दिशा में ले जा रही है। इससे बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत पर भी बुरा असर हो रहा है।

बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत की वजह से उनमें आपराधिक प्रवृत्ति पैदा हो रही है और इसकी वजह से उनकी पढ़ाई-लिखाई पर भी असर हो रहा है। बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत होने की वजह से उनपर ये नकारात्मक असर होते हैं।ऑनलाइन गेम्स ने किशोरों की आउटडोर एक्टविटी को तहन-नहस कर दिया हैमोबाइल, कम्प्यूटर से शिक्षा का आइडिया कोरोना संकट के दौरान आया, ये बात सौ फीसदी सच है कि मोबाइल एक बेहतरीन उपकरण है जो अनों को जोड़े रखता है। ये मनोरंजन के साथ नॉलेज और क्रिएटविटी का भी जरिया बना है। मोबाइल ने अधिकतर कामों का आसान बना दिया है। लेकिन हर वस्तु के अच्छे और बुरे दोनों तरह के इफेक्ट होते हैं।

गैजेट्स के आदी लोग हमेशा गैजेट्स के बारे में सोचते रहते हैं या जब वे इन उपयोगों का उपयोग नहीं करने की कोशिश करते हैं तो उन्हें अनिद्रा या चिड़चिड़ापन होने लगता है.”प्रति सप्ताह चार घंटों के डिजिटल डिटॉक्स को जरूर अपनाना चाहिए. इस अंतराल में उन्हें अपने फोन या किसी भी डिजिटल गैजेट का उपयोग नहीं करना है.जिस समय में आपका बच्चा इस गेम को खेलता है उस समय में किसी अन्य काम में बच्चे को व्यस्त रखने का प्रयास करें।

अब आप बच्चे के साथ कहीं बाहर जाने का प्लान कर लें, इनडोर गेम्स खेलें या या उसको आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रेरित करें पास में कोई यदि योगा शिविर लगता हो तो उसे ज्वाइन करें। यदि मां-बाप खुद गेम खेलते हो तो सबसे पहले उन्हें कम से कम अपने बच्चों के सामने गेम नहीं खेलनी चाहिए। उसे व्यस्त करने के लिए घर के कामों में सहयोग के लिए प्रेरित करें।डॉ अर्चिता महाजन रोज सुबह 10:00 से 12 कपूरी गेट सेवा भारती सेवा धाम में दोपहर 12 से 2 जय श्री बाबा लाल जी चैरिटेबल हॉस्पिटल और 3 से 5 संत तुलसीदास जी चैरिटेबल हॉस्पिटल बाबा बालक नाथ मंदिर हसली पुल (गाद्धी नशीन भक्त कुणाल जी) के यहां सेवा में उपलब्ध है। यहां शुगर और बीपी सिर्फ ₹10 में चेक होते हैं।