देवभूमि न्यूज 24.इन
5 जनवरी 222 को पीएम मोदी फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करने के लिए सड़क मार्ग से आ रह थे। बीच रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले को बीच सड़क पर रोक दिया था। करीब आधा घंटे तक काफिला रुका रहा। पुलिस ने 6 जनवरी 2022 को पहले अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान 26 लोगों को पुलिस ने चिह्नित किया, जो उस समय भीड़ में पीएम मोदी के काफिले को रोकने के लिए सड़क पर एकजुट हुए थे। इन 26 लोगों में भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी और क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन के किसान नेता व समर्थक शामिल थे, जिसमें प्रमुख तौर पर बलदेव सिंह जीरा महासचिव बीकेयू क्रांतिकारी का नाम शामिल है।

जिम्मेदार पुलिस अफसरों के खिलाफ चल रही जांच
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक मामले में पंजाब सरकार दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी जांच कर रही है। जांच के लिए पंजाब मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति संत प्रकाश को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जांच समिति की ओर से दोषी ठहराए जाने के लगभग तीन साल में सरकार ने यह कदम उठाया है। दोषी अधिकारियों में पूर्व डीजीपी एस चट्टोपाध्याय, तत्कालीन फरीदकोट के डीआईजी इंद्रबीर सिंह और तत्कालीन फिरोजपुर एसएसपी हरमबीर सिंह हंस शामिल हैं।

दोषी अधिकारियों पर बड़े जुर्माने की सिफारिश
जांच कमेटी इन दोषी अधिकारियों का भी पक्ष सुनेगी। इससे पहले 12 जनवरी, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा चूक की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष समिति की अध्यक्षता के लिए पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा को नियुक्त किया था। समिति ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ बड़े जुर्माने की सिफारिश करते हुए मार्च 2022 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने से पहले एक जांच अधिकारी नियुक्त करने की सिफारिश की गई थी