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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ जारी है। इस महाकुंभ में अधिक संख्या में साधु संत और श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। वहीं संगम किनारे में लेटे हनुमान जी के दर्शन का लाभ उठा रहे हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार महाकुंभ में स्नान के बाद लेटे हनुमान जी के दर्शन करने से पूरा फल मिलता है।
पंचांग के अनुसार, महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हुई है और इसका समापन अगले महीने यानी 26 फरवरी को है। इस दिन महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नान होगा। महाकुंभ में संगम के किनारे लेटे हनुमान जी मंदिर में बेहद खास रौनक देखने को मिल रही है। ऐसे में आइए जानते हैं कि लेटे हनुमान मंदिर की मान्यता के बारे में।

अगर आप भी महाकुंभ जा रहे हैं, तो संगम में स्नान करने के बाद लेटे हनुमान जी के दर्शन जरूर करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, लेटे हनुमान जी के दर्शन न करने से संगम स्नान का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतना प्रसिद्ध क्यों हैं लेटे हनुमान मंदिर? अगर नहीं पता, तो चलिए आपको बताएंगे इस मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में संगम के किनारे लेटे हनुमान मंदिर है। यह मंदिर बेहद प्रसिद्ध माना जाता है। इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा लेटी हुई मुद्रा में हैं। ऐसा बताया जाता है कि जब यहां पर बाढ़ आती है, तो मंदिर में पानी भर जाता है। तो हनुमान जी गंगा स्नान करते हैं।

यह दुनिया में एक ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, संगम में स्नान का पूर्ण फल लेटे हनुमान जी के दर्शन करने के बाद ही मिलता है।
ऐसी मान्यता है कि लेटे हनुमान जी के दर्शन करने से सभी मुरादें पूरी होती हैं और जीवन में आ रहे दुख एवं संकट से छुटकारा मिलता है। लेटे हनुमान मंदिर में मंगलवार और शनिवार या फिर किसी पर्व के दिन बेहद खास भीड़ देखने को मिलती है। श्रद्धालु मनोकामनाएं पूरी होने के बाद हनुमान जी को झंडा निशान चढातें हैं। साथ ही बजरंगबली की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

🪔कैसे पड़ा लेटे हनुमान मंदिर का नाम
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मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद बजरंगबली लौट रहे थे, तो प्रभु को थकावट महसूस हुई, तो ऐसे में माता सीता के कहने पर बजरंगबली ने संगम के किनारे लेट गए। इसी वजह इस जगह पर लेटे हनुमान मंदिर बनवाया गया। इस मंदिर से जुड़ी खास बता दें कि मंदिर में गंगा जी प्रवेश करती हैं, तो गंगा के जल में हनुमान डूब जाते हैं।
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