जिला ऊना-हिमाचल प्रदेश की सबसे समृद्ध तहसील हरोली उत्सव 27,28,29 अप्रैल का बहु-आयामी धमाल।-राजीव शर्मन

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अम्बिकानगर-अम्ब कॉलोनी समीप रेलवे-स्टेशन क्रासिंग ब्रिज अम्ब-177203 जिला ऊना-हिमाचल प्रदेश।

  *देवभूमि न्यूज 24.इन*  

ऊना-हिमाचल प्रदेश की तहसील हरोली कोई समय सडकों और सुविधाओं से वंचित होकर पिछड़ेपन का शिकार थी।
सबसे बड़ी बाधा यहां रौद्र रूप से भयावह गर्जन करने वाली पौराणिक सोमभद्रा-स्वां नदी का कहर बरपाता बरसाती तांडव जनजीवन को अस्त व्यस्त कर देता था। कठिनाईयों के दौर में कोई भी स्कूल संचालित करना भी बहुत टेढ़ी खीर साबित हो रही थी। स्कूलो में स्टाफ ऊना जिले के समीपवर्ती तहसीलों ऊना सदर,बंगाणा और अम्ब चिंतपूर्णी से आता था। हरोली को “बीत क्षेत्र ” के नाम से जाना जाता था। बीत क्षेत्र एक बहुत ही दुर्गम जीवन के लिए जगजाहिर हो चुका था। हरोली की सोमभद्रा -स्वां नदी को बरसात में लांघना बहुत बड़ी महा-चुनौती थी। पुलों का अभाव था। इक्का दुक्का कच्चे पुल नाम मात्र के ही हुआ करते थे। यहां से लोग पलायन करके लगातार अन्यत्र चलकर स्थापित हो गए थे। नब्बे के दशक तक हालात बहुत ही गंभीर थे। एकाएक यहां के स्थानीय गोंदपुर हरोली के युवा पत्रकार मुकेश अग्निहोत्री जी कि शिमला में जनसत्ता समाचारपत्र के लिए कार्यरत थे। मुकेश ने अपने हरोली क्षेत्र के कायाकल्प के लिए तत्कालीन मुख्य मंत्री वीरभद्र सिंह से जोरदार गुहार लगाई व संतोषगढ़- हरोली विधान सभा क्षेत्र से विधायक बनने का गौरव ही प्राप्त नहीं किया अपितु सर्वांगीण विकासात्मक गतिविधियों की ऐतिहासिक गाथा लिख डाली। पूर्व मुख्य मंत्री वीरभद्र सिंह ने मुकेश अग्निहोत्री पर पूर्ण विश्वास करते हुए काबीना मंत्री बनाकर हरोली का विकासोन्मुखी उद्धार कर डाला। पुलों ,सड़कों, ओद्योगिक क्रान्ति व सोमभद्रा -स्वां नदी का तटीयकरण एक बहुत बड़ी महा- क्रांति साबित हुई। किसानों के लिए तो यह बहुत बड़ा वरदान और ऐतिहासिक उपलब्धि सिद्ध हुई। इतिहास गवाह रहेगा कि कोरोना आपदाग्रस्त स्थिति में मुकेश अग्निहोत्री द्वारा साकार किया गया बड़ा अस्पताल हरोली कोरोना वायरस से जूझ रहे मरीजों के लिए समूचे हिमाचल प्रदेश में महा- संजीवनी सफल सिद्ध हुआ।
कालान्तर में हरोली चहुंमुखी सर्वांगीण विकास रथ पर प्रगति के नये सोपान लगातार चढ़कर एक समृद्ध तहसील का पर्याय बन चुका है।
हरोली उत्सव का आयोजन विकासात्मक उपलब्धि का गवाक्ष भी है। भविष्य में हरोली क्षेत्र सोमभद्रा -स्वां नदी पर जिला मुख्यालय ऊना से एक बहुत बड़ा पुल निर्माण हरोली की विकासात्मक गतिविधियों को चार चांद लगाए हुए है। इस फीचर के लेखाकार ने पिछले दो दशकों से लगातार सोमभद्रा-स्वां नदी पर सोमभद्रा-स्वां झील बनवाने का सुझाव व प्रचार-प्रसार हिमाचल प्रदेश सरकार व भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय को बहुत बार सुझाया है। अगर सोमभद्रा-स्वां झील साकार की जाती है तो जिला ऊना के शुष्क वातावरण में एक नया सूत्रपात होगा। पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ धार्मिक सांस्कृतिक व पर्यटन आदान-प्रदान का नया अध्याय शुरू होगा। सोमभद्रा-स्वां झील से पर्यटकों का आकर्षण, मत्स्य पालन, नौकायन व होटल उद्योग से रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। आशा की जानी चाहिए कि सोमभद्रा-स्वां झील निर्माण बारे अवश्य ही विचार करते हुए इसे साकार किया जाना चाहिए। सोमभद्रा-स्वां झील के निर्माण से अवैध खनन और नील गायों के आतंक से भी मुक्ति मिलेगी।
आशा की जानी चाहिए कि अप्रैल माह के आखिर में 27,28 व 29 अप्रैल को इस साल आयोजित होने वाले हरोली उत्सव में बहु -आयामी सोमभद्रा-स्वां झील निर्माण का स्वप्न यथार्थ के धरातल पर अवश्य ही साकार हो जायेगा।