फरवरी प्रदोष व्रत 2025: फरवरी महीना का पहला प्रदोष व्रत कब? जानें तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त

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देवभूमि न्यूज 24.इन

🪦प्रदोष व्रत श्रद्धालु भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रखते है। बता दें कि प्रदोष व्रत हर महीना आता है। बता दें कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति की सारी मनोकामाएं पूर्ण होती है।

भगवान शिव की उपासना के लिए वैसे तो हर दिन शुभ हैं लेकिन, त्रयोदशी तिथि का विशेष महत्व है। यह तिथि विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति के सारे दुखों का निवारण होता है। साथ ही व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा? साथ ही जाने प्रदोष व्रत की पूजा विधि।

📿कब है फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत?

माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 9 फरवरी को शाम में 7 बजकर 26 मिनट पर होगी और अगले दिन 10 फरवरी को शाम में 6 बजकर 58 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त हो जाएगी। ऐसे में त्रयोदशी तिथि का व्रत 10 फरवरी सोमवार के दिन रखा जाएगा। सोमवार को प्रदोष व्रत होने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा।

📿सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि

  • सोम प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद मन में ही व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद भगवान शिव का पूजन करें। सबसे पहले माता पार्वती और भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें।
  • इसके बाद बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल धूप फल, पान, सुपारी, बेल पत्र आदि चीजें अर्पित करें।
  • इसके बाद त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में सूर्यास्त के समय प्रदोष काल में शिवजी का पूजन करें। प्रदोष काल के पूजन से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • फिर घी का दीपक जलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें और फिर उन्हें मिष्ठान का भोग लगाएं।
  • इसके बाद पांच या 7 दीपक जलाएं और फिर एक घर की चौखट पर एक मंदिर में एक मंदिर की चौखट पर रख दें और बाकी 5 भगवान शिव के पास रख दें और सोम प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें।
  • इसके बाद शिवजी की आरती करें।
  • प्रदोष व्रत में रात्रि जागरण का विधान भी है। साथ ही भगवान शिव के मंत्रों का जप भी आप कर सकते हैं। *♿ जय_महाकाल♿*