देवभूमि न्यूज 24.इन
🪦सनातन धर्म में महाशिवरात्रि पर्व को बेहद खास माना गया है. पंचांग के अनुसार, इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 26 फरवरी को रखा जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है. पौराणिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था और इसी उपलक्ष्य में महाशिवरात्रि मनाई जाती है. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें तो महाशिवरात्रि से पहले अगर कुछ चीजें मिल जाएं तो किस्मत चमक सकती है. आइए जानते हैं उन शुभ चीजों के बारे में.

📿5 पत्ते वाला बेलपत्र
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ
मान्यता है कि भगवान शिव की सबसे प्रिय चीज बेलपत्र है. ऐसे में अगर यह महाशिवरात्रि से पहले किसी को मिल जाए तो ये भगवान शिव की कृपा का संकेत है. बेलपत्र का जिक्र विष्णु पुराण में भी किया गया है. कहते हैं कि अगर किसी को 5 पत्ते वाला बेलपत्र मिल जाए तो यह बेहद शुभ संकेत है. ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन उस बेलपत्र की पूजा करें और फिर उस 5 पत्ते वाले बेलपत्र को अपनी तिजोरी में रख दें.
📿पंचमुखी रुद्राक्ष
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ
महाशिवरात्रि से पहले पंचमुखी रुद्राक्ष कि मिलना भगवान शिव की असीम कृपा का संकेत है. महाशिवरात्रि से पहले पंचमुखी रुद्राक्ष मिलना काफी शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि अगर पंचमुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव पर चढ़ाया जाए तो घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

📿महाशिवरात्रि 2025 कब है?
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ
वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से प्रारंभ होगी और 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी. महाशिवरात्रि के अवसर पर निशा काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है. ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी.
📿महाशिवरात्रि पूजा का शुभ समय
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ
शाम 06:19 बजे से रात 09:26 बजे तक
रात 09:26 बजे से देर रात 12:34 बजे तक
📿महाशिवरात्रि पारण का समय
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ
महाशिवरात्रि पर व्रत करने वाले साधक 27 फरवरी को सुबह 06:48 बजे से 08:54 बजे तक पारण कर सकते हैं. पूजा-पाठ संपन्न होने के बाद अन्नदान कर व्रत का समापन करें.
*♿ जय_महाकाल♿*