देवभूमि न्यूज 24.इन
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों की मौत हुई
एक जैसी ट्रेनों के नाम के कारण यात्रियों में असमंजस पैदा हुआ
यात्री अफरा-तफरी में गलत प्लेटफॉर्म की ओर तेजी से दौड़े
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में अब तक 18 लोगों की जान चली गई है। हादसे पर दिल्ली पुलिस ने अपना बयान जारी किया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस हादसे की वजह एक जैसी ट्रेनों के नाम और कई ट्रेनों के लेट होने से पैदा हुई भ्रम की स्थिति थी। यह हादसा महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की भीड़ के कारण हुआ।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दो ट्रेनों के एक जैसे नाम को लेकर यात्रियों में असमंजस की स्थिति पैदा हुई, जिसके कारण भगदड़ मची। दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में कहा कि ‘प्रयागराज’ नाम से दो ट्रेनें थीं, प्रयागराज एक्सप्रेस और प्रयागराज स्पेशल। प्लेटफॉर्म-16 पर प्रयागराज स्पेशल के आने की घोषणा के बाद अफरा-तफरी मच गई। प्लेटफॉर्म-14 पर प्रयागराज एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे यात्री गलती से प्लेटफॉर्म-16 की ओर दौड़ पड़े। इससे भगदड़ मच गई।
भगदड़ के समय ट्रेनों की टाइमिंग ये थी
प्लेटफॉर्म-14 पर प्रयागराज एक्सप्रेस रात 10:10 बजे रवाना होने वाली थी।
प्लेटफॉर्म-12 पर मगध एक्सप्रेस देरी से चल रही थी।
प्लेटफार्म-13 पर स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस देरी से चल रही थी।
प्लेटफार्म-15 पर भुवनेश्वर राजधानी देरी से चल रही थी।
एक यात्री ने बताया, ‘मैंने रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ पहले कभी नहीं देखी, त्योहारों के समय भी नहीं। अधिकारी मौजूद थे, लेकिन जब भीड़ हद से ज्यादा हो गई, तो उसे कंट्रोल करना नामुमकिन हो गया।’ यह भगदड़ रात करीब 10 बजे हुई। हजारों यात्री महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में सवार होने के लिए धक्का-मुक्की कर रहे थे।
नई दिल्ली स्टेशन पर पैदा हुए भगदड़ जैसे हालात
रेलवे की व्यवस्था पर सवाल
यह हादसा रेलवे की व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। त्योहारों और विशेष आयोजनों के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेहतर प्रबंधन की जरूरत है। साथ ही, यात्रियों को भी सावधानी बरतनी चाहिए और अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। स्पष्ट और समय पर सूचना प्रसारित करने से ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। रेलवे को भीड़ प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए। सीसीटीवी कैमरों की मदद से भीड़ पर नजर रखी जा सकती है और जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा, ट्रेनों के समय पर चलने को सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है। देरी से चलने वाली ट्रेनों की वजह से प्लेटफॉर्म पर भीड़ बढ़ जाती है, जिससे ऐसी दुर्घटनाएं होने का खतरा बढ़ जाता है।