देवभूमि न्यूज 24.इन
ये बात राष्ट्रीय इंटक के संगठन सचिव कामरेड जगत राम शर्मा ने लिखित प्रेस नोट में बताई और अपनी बात को विस्तार से जानकारी देते हुए कहा जब में एटक के महामंत्री स्वर्गीय कामरेड पंडित जी के साथ पहली बार स्वर्गीय वीरभद्र सिंह से सचिवालय में मिला उस समय भी एक कर्मचारी की बदली का मुद्दा सामने आया तब उन्होंने उसकी बदली तुरंत रद्द कर दी आगे के लिए ट्रेड यूनियन को प्रेरणा दी की कर्मचरियों को ये समझाएं की सरकारी नौकरी हिमाचल प्रदेश के किसी भी कोने में मिले और जाने के लिए तैयार रहे। उन्होंने यह भी कहा के सैनिक और अर्धसैनिक तथा कई केन्द्रीय विभागों के कर्मचारी अपने घरों से बहुत दूर काम करते है और हजारों कर्मचारी विदेशो में भी काम करते हैं।

राष्ट्रिय केंद्रीय इंटक सहित सभी यूनियन सार्वजनिक क्षेत्र व अन्य सरकारी विभागों में लगातार नौकरियों में बढ़ोतरी करने के लिए संघर्ष करती है। केंद्र व राज्यों में खली पड़े हुए सरकारी पदों को भरने के लिए लगातार संघर्ष करती है। जगतराम ने इस बात को दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि केंद्र की ट्रेड यूनियन लगातार कमजोर हो रही है। और प्रदेशों में NGO के नाम पर कई संगठन बना लेते है और सरकारी काम को पूरा नहीं करते। ठेकेदारी व्यस्था, आउटसोर्सिंग, अनुबंध तथा पार्ट टाइम आदि जैसे मुद्दे पैदा हो गए है जबकि ऐसी व्यवस्था पहले कभी नहीं थी।
जगतराम ने हिमाचल में राजस्व विभाग के स्टेट कैडर बनाने का सरकार का मौलिक अधिकार है और कानून के मुताबिक ट्रान्सफर कोई सजा भी नहीं है।

पटवारी, कानूनगो द्वारा मास केजुअल लीव लेने से सीधा प्रदेश की आम जनता को बहुत परेशान होना पड़ रहा है क्यूंकि केवाईसी, कृषि प्रमाण पत्र, इंतकाल, ऋण, रजिस्ट्री, हिमाचली प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आदि अनेक बातों पर आम जनता को पटवारी पर निर्भर रहना पड़ता है। वैसे ऐसे पहले भी देश में कई संघर्ष हुए परन्तु इनको जनता का समर्थन नहीं मिलता और ट्रेड यूनियन को सलाह दी की जो लोग सार्वजनिक क्षेत्र व सरकारी नौकरी में अदला बदली से डरता है वो सरकारी नौकरी से दूर रहे। बेरोजगारों की फौज लम्बी है। जगत राम ने सरकार को सुझाव दिया कि इनकी सर्विस का 80 प्रतिशत का हिस्सा स्टेट कैडर में लगाए सेवा निवृत्ति के 5 साल पहले इनको जिला स्तर पर कहीं भी नियुक्ति कर दें। जगत राम ने ये भी कहा की इंटक पुराने स्टाफ की भर्ती को सेहन नहीं करेगी जो स्टाफ रखा है उनसे काम लिया जाएँ।