देवभूमि न्यूज 24.इन
प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन पूजा करने से साधक को महादेव का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही रुके हुए का जल्द पूरे होते हैं। अगर आप भी भगवान शिव और मां पार्वती को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन शुभ मुहूर्त में महादेव की पूजा करें और नियम का पालन करें। इससे साधक को पूजा का पूरा फल मिलेगा। इस बार मार्च के पहले प्रदोष व्रत की डेट को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बन रही है।
प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 11 मार्च को सुबह 08 बजकर 13 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 12 मार्च को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर तिथि का समापन होगा। इस प्रकार 11 मार्च को प्रदोष व्रत किया जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन महादेव की पूजा संध्याकाल में होती है। इस दिन पूजा करना का शुभ मुहूर्त शाम को 06 बजकर 27 मिनट से 08 बजकर 53 मिनट तक है।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि

प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर दिन की शुरुआत महादेव के ध्यान से करें।
इसके बाद स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।
इसके बाद शिवलिंग का अभिषेक करें।
महादेव का चंदन, भस्म आदि से तिलक करें।
देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और महादेव के मंत्रों का जप करें।
इसके बाद खीर, दही और फिर सूजी के हलवे समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
आखिरी में लोगों में प्रसाद बाटें और खुद भी ग्रहण करें।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद