श्रीरामचरितमानस

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देवभूमि न्यूज 24.इन


तुम्ह परिपूरन काम जान सिरोमनि भावप्रिय ।
जन गुन गाहक राम
दोष दलन करूनायतन ।।
( बालकांड, सो. 336)
राम राम बंधुओं 🙏राम जी सीता जी को विदा कराने राजमहल आए हैं, सासु माताएँ सीताजी को राम को सौंपकर विनती करती हैं । वे कहती हैं कि हे राम !

तुम पूर्णकाम हो , सुजानशिरोमणि हो , भाव प्रिय हो , भक्तों के गुणों को ग्रहण करने वाले, दोषों का नाश करने वाले और दया के धाम हो ।
मित्रों! राम जी को भाव प्रिय है, राम प्रिय बनने के लिये हमें अपना भाव ठीक करना होगा तब वे हमारे दोष भी दूर कर देंगे व हम पर अपनी दयालुता भी दिखाएँगे । अतः कृपया अपना भाव ठीक करें, जीवन में सब कुछ ठीक हो जाएगा ।अस्तु! जय जय राम , जय जय राम 🚩🚩🚩