देवभूमि न्यूज नेटवर्क
हिमाचल प्रदेश
शिमला
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा को कांग्रेस से गए हुए 9 चैंपियन चला रहे हैं। भाजपा इस समय पांच गुटों में बंटी है। भाजपा नेताओं की कथनी और करनी में अंतर है। भाजपा अपने आप में ही परेशान है। जो खिलाड़ी कांग्रेस से गए हैं, वह राज्य स्तर के खिलाड़ी हैं और भाजपा के नेता जिला के खिलाड़ी हैं, जो इनको खेलने नहीं दे रहे। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि विपक्षी दल भाजपा पर उलटा चोर कोतवाल को डांटे वाला मुहावरा फिट बैठता है।

अगर भाजपा सदन में बैठकर चर्चा के लिए तैयार है तो सरकार भी सत्र का समय बढ़ाने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खुशी की बात है कि विधानसभा बजट सत्र को लेकर सर्वदलीय बैठक में इस बार विपक्षी दल शामिल हुआ है। भाजपा विधायक दल ने पहले सर्वदलीय बैठक का भी बहिष्कार किया था। सत्र को बढ़ाने की विपक्ष की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का काम विधानसभा से वाकआउट करना है। जबकि कांग्रेस का काम लोगों की सेवा करना है। विपक्ष मांग कर रहा है कि सत्र का समय बढ़ाया जाए। विपक्ष सदन में बैठा रहे तो उन्हें सदन की कार्यवाही बढ़ाने में कोई दिक्कत नही है।
ईडी की रेड से परेशान नहीं करने चाहिए कांग्रेस नेता
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर ईडी की रेड को लेकर सुक्खू ने हा कि बघेल ने 5 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सेवाएं दी हैं। इस तरह से शोषण नहीं होना चाहिए। कांग्रेस नेताओं को इस तरह से परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
बजट सत्र में केंद्र की अनदेखी को मुख्य मुद्दा बनाएगी कांग्रेस
विधानसभा के बजट सत्र में केंद्र सरकार की अनदेखी को कांग्रेस विधायक मुख्य मुद्दा बनाएंगे। सोमवार सुबह मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भाजपा को घेरने की रणनीति बनाई गई।

हिमाचल सरकार पर लगाई गई आर्थिक बंदिशों को कांग्रेस विधायक सदन के अंदर और बाहर प्रमुखता से उठाएंगे। कांग्रेस विधायक दल ने बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार के रवैये को लेकर विस्तार से चर्चा की। फैसला लिया गया कि प्रदेश भाजपा के आरोपों का जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को घेरा जाएगा। हिमाचल के बजट में कटौती कर केंद्र सरकार लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है। केंद्र ने पहले राज्य की लोन लेने की सीमा को 5 प्रतिशत से घटाकर 3.5 प्रतिशत किया है।
तीन हजार करोड़ से ज्यादा का जीएसटी कंपेनसेशन भी बंद कर दिया। केंद्रीय योजनाओं पर भी कैपिंग लगाई गई। पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में हिमाचल को रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट 13 हजार करोड़ रुपये मिल रही थी, जो अगले साल एक चौथाई घटकर 3,257 करोड़ रुपये रह जाएगी। सत्तारूढ़ कांग्रेस का आरोप है कि 2023 में सदी की सबसे भीषण आपदा के बावजूद केंद्र से एक रुपये की भी अतिरिक्त मदद हिमाचल को नहीं मिली। नुकसान का जायजा लेने हिमाचल आई टीम ने खुद माना कि बरसात में भारी बारिश व बादल फटने से 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। लिहाजा कांग्रेस विधायक इस मुद्दे को लेकर भी सदन में विपक्ष पर पलटवार करेंगे। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी विशेष तौर पर मौजूद रहीं।