केंद्र व सभी राज्यो की सरकारें अपनी संवेदनाशीलता जाहिर करने में असफल रही-अनिल मंगेट

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देवभूमि न्यूज 24.इन


एडवोकेट अनिल कुमार मंगेट पूर्व लोकसभा सांसद प्रत्याशी शिमला संसदीय क्षेत्र देश एवं प्रदेश मे अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया गया परन्तु केन्द्र व सभी राज्यों की सरकारें अपनी संवेदनशीलता जाहिर करने मे असफल रही एवं महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ उनकी सुरक्षा एवं सम्मान के मामले में कोई खास कदम नहीं उठाये गए हमें लगता है की कोताही व लापरवाही बरती जा रही है बल्कि अपनी पूरी ईमानदारी से सरकार को जिम्मेदारी निभाने का काम करना चाहिए!इस मौके पर ख़ासकर देश के करोड़ों ग़रीब, मजदूर, दलित, शोषित एवं पिछड़े वर्ग आदि से सम्बन्धित मेहनतकश महिलाओं के प्रति सरकार व समाज को हीन भावना व शोषणकारी रवैया त्याग कर उन्हें आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ जीने के हक की गारंटी सुनिश्चित करने का संकल्प भी जरूर लेंना चाहिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत 1900 के दशक में हुई थी।

1908 में, 15,000 महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर में बेहतर कामकाजी परिस्थिति, उचित वेतन और वोट देने के अधिकार की मांग करते हुए एक मार्च निकाला। इस क्रन्तिकारी कदम से पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 19 मार्च 1911 को मनाया गया था लेकिन 8 मार्च 1917 को रूसी महिलाओं के हड़ताल के बाद महिला दिवस की तारीख को बदलकर 8 मार्च कर दिया गया। तब से, 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की वैश्विक तारीख बन गई। जिसके बाद साल 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक तौर पर इस दिन को 8 मार्च को मनाने की मान्यता दी। समाज में महिलाओं की भूमिका को सशक्त बनाने और इनके खिलाफ भेदभाव को खत्म करने के उद्देश्य से मनाया जाता है महिला दिवस 2025 की थीम जल्दी कार्य करे!