डॉ सुमित्रा अग्रवाल
यूट्यूब आर्टिफीसियल आई को
कोलकाता
देवभूमि न्यूज 24.इन
कृत्रिम आंख (आर्टिफिशियल आई) लगवाने से कई समस्याओं का समाधान होता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिन्होंने किसी दुर्घटना, बीमारी, या जन्मजात कारणों से अपनी आंख खो दी हो। हालांकि यह दृष्टि लौटाने में सक्षम नहीं होती, लेकिन अन्य कई समस्याएं दूर हो जाती हैं।
कृत्रिम आंख से होने वाले प्रमुख समाधान
- सौंदर्य और आत्मविश्वास में वृद्धि
प्राकृतिक लुक: कृत्रिम आंख असली आंख जैसी दिखती है, जिससे चेहरा सामान्य और संतुलित दिखता है।
आत्मविश्वास बढ़ता है: जब दिखावट सामान्य होती है, तो व्यक्ति का आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
समाजिक असहजता कम होती है: लोग घूरते नहीं, जिससे सामाजिक जीवन बेहतर होता है। - भावनात्मक और मानसिक राहत
नकारात्मक भावनाओं से छुटकारा: आंख खोने के कारण होने वाला मानसिक तनाव कम हो जाता है।
सामाजिक डर कम होता है: सामान्य दिखने से लोग सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने में सहज होते हैं।
मन की शांति: चेहरे का सामान्य दिखना मानसिक सुकून देता है। - शारीरिक समस्याओं का समाधान
आंख के सॉकेट का समर्थन: कृत्रिम आंख आंख के सॉकेट का आकार बनाए रखती है, जिससे चेहरा असमान नहीं दिखता।
संक्रमण से सुरक्षा: सॉकेट को ढकने से धूल, गंदगी, और संक्रमण से बचाव होता है।
ऊतक अर्थात टिस्सू में स्थिरता: आंख के सॉकेट में जगह खाली रहने से ऊतकों में असमानता आ सकती है, लेकिन कृत्रिम आंख से इसका समाधान हो जाता है। - सर्जरी के बाद रिकवरी में सहायक
अस्थायी सुरक्षा: आंख निकालने के बाद सॉकेट को सुरक्षित रखने के लिए कृत्रिम आंख लगाई जाती है।
चेहरे की संरचना का संरक्षण: इससे चेहरा असमान नहीं होता और सामान्य आकार बना रहता है। - सामाजिक और व्यावसायिक जीवन में सुधार
आसान सामाजिक संपर्क: जब व्यक्ति सामान्य दिखता है, तो लोगों से बातचीत और मेल-जोल में आसानी होती है।
व्यावसायिक अवसर: कुछ पेशों में दिखावट मायने रखती है, वहां कृत्रिम आंख आत्मविश्वास बनाए रखने में मदद करती है।