*20 उपाय बताऊंगी अपनाएं और स्वस्थ रहें। खाने की बजायअपने खाने के अनुभवों का आनंद लें:
देवभूमि न्यूज 24.इन
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि बिंज ईटिंग (Binge Eating Disorder) खाने के सबसे आम डिसऑर्डर में से एक है. जिसमें किसी को बहुत ज्यादा भूख और खाने की इच्छा महसूस होता है, जिसके कारण वह बहुत कम समय में बहुत ज्यादा मात्रा में खाना खा लेता है. इससे वजन बढ़ सकता है, कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं, यहां तक कि बांझपन (Infertility) भी हो सकता है.
ओवर ईटिंग और बांझपन के बीच संबंध:
- वजन बढ़ना: ओवर ईटिंग से वजन बढ़ सकता है, जो बांझपन के खतरे को बढ़ा सकता है।
- हार्मोनल असंतुलन: ओवर ईटिंग से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
- इंसुलिन प्रतिरोध: ओवर ईटिंग से इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस): ओवर ईटिंग से पीसीओएस के खतरे को बढ़ा सकता है, जो बांझपन का एक आम कारण है।
खाने के डिसऑर्डर और बांझपन के बीच सीधा कनेक्शन होता है. बहुत ज्यादा तनाव में न्यूट्रिशन, इमोशनल और फिजिकल- जैसे खाने के डिसऑर्डर, हाइपोथैलेमस से GnRH रिलीज में दिक्तें होती है और ब्रेन री-प्रोडक्श बंद कर देता है. इसे हाइपोथैलेमिक एमेनोरिया कहा जाता है. जब किसी महिला को नियमित पीरियड्स नहींआता है या पूरी तरह बंद हो जाता है या ओव्यूलेशन नहीं होता है तो कंसीव करना संभव नहीं है.बहुत ज्यादा खाने से इंफर्टिलिटी की प्रॉब्लम काफी आम है. खाने का ये डिसऑर्डर सभी उम्र की महिलाओं में हो सकते हैं. लेकिन मां बनने की उम्र में सबसे ज्यादा होता है. यह भी देखा गया है कि रोजाना बहुत ज्यादा खाने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है. इससे री-प्रोडक्टिविटी हेल्थ प्रभावित कर सकते हैं. ओव्यूलेशन से लेकर गर्भपात (abortion) तक का रिस्क बढ़ता है
प्रेग्नेंसी के दौरान ओवरईटिंग को रोकने के लिए सुझाव: - संतुलित आहार लें:
- फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें.
- नियमित व्यायाम करें:
- हल्के व्यायाम जैसे कि पैदल चलना और योग करें.
- पर्याप्त पानी पिएं
- हाइड्रेटेड रहने से भूख की क्रेविंग कम होती है.
- छोटे-छोटे भोजन करें:
- दिन भर में कई छोटे-छोटे भोजन करें, बजाय कि बड़े भोजन के.
- जंक फूड से बचें:
- जंक फूड और मीठे पेय पदार्थों से दूर रहें.
- स्ट्रेस और चिंता को कम करें:
- योग, ध्यान या संगीत सुनने जैसे तरीकों से स्ट्रेस और चिंता को कम करें.
- पर्याप्त नींद लें:
- पर्याप्त नींद लेने से भूख की क्रेविंग कम होती है.
- गैर-खाद्य पदार्थों की क्रेविंग को नियंत्रित करें:अगर आपको कुछ गैर-खाद्य पदार्थों (जैसे कि मिट्टी, बालू) को खाने की इच्छा होती है, तो अपने डॉक्टर को बताएं.
- फाइबर युक्त आहार लें:फाइबर युक्त आहार खाने से पेट भरा हुआ महसूस होता है और भूख की क्रेविंग कम होती है.
- अपने खाने के समय पर ध्यान दें
- :धीरे-धीरे और ध्यान से खाएं, ताकि आप ज़्यादा न खाएं.
- अपने खाने की मात्रा को नियंत्रित करें:अपनी प्लेट को भरने से पहले, अपनी भूख को ध्यान से देखें.
- अपने खाने के अनुभवों का आनंद लें:अपने खाने के अनुभवों का आनंद लें और उन्हें तनाव मुक्त बनाएं.