गुरु प्रदोष व्रत 2025: गुरु प्रदोष व्रत पर है पंचक और भद्रा का साया, जानिए तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व🕉️

Share this post


देवभूमि न्यूज 24.इन


🪦हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। आपको बता दें कि साल में कुल 24 प्रदोष पड़ते हैं। जिसमें एक शुक्ल पक्ष का तो वहीं दूसरा कृष्ण पक्ष का। मान्यता है जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा के साथ व्रत रखकर भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा- अर्चना करता है। उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। साथ ही धन-समृद्धि जीवन में बनी रहती है। इसके अलावा विवाहित महिलाएं सुख और सौभाग्य की वृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। वहीं यहां बात करने जा रहे हैं चैत्र माह के गुरु प्रदोष व्रत के बारे में, जो इस बार 27 मार्च गुरुवार को रखा जाएगा। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, तिथि और महत्व…

⚜️गुरु प्रदोष व्रत तिथि 2025
卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐
ज्योतिष पंचांग के मुताबिक चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की का आरंभ 26 मार्च को रात 01 बजकर 42 मिनट पर हो रहा है और तिथि का अंत 27 मार्च की रात सुबह 11 बजकर 02 मिनट पर होगा। ऐसे में यह व्रत गुरुवार, 27 मार्च गुरुवार को रखा जाएगा। गुरुवार के दिन होने से यह गुरु प्रदोष व्रत कहलाएगा।

⚜️प्रदोष व्रत पर पंचक और भद्रा का समय
卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐
गुरु प्रदोष व्रत के दिन भद्रा रात में 11 बजकर 2 मिनट पर लग रही है। वहीं जो अगले दिन 28 मार्च को सुबह 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। वहीं पंचक पूरे दिन रहेंगी।

⚜️गुरु प्रदोष व्रत 2025 मुहूर्त
卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐
वैदिक पंचांग अनुसार 27 मार्च को गुरु प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त 2 घंटे 21 मिनट तक है। वहीं जो लोग व्रत रखकर भोलेनाथ की पूजा- अर्चना करना चाहते हैं। वे शाम 6 बजकर 35 मिनट से रात 8 बजकर 57 मिनट के बीच शुभ समय में पूजा अर्चना कर सकते है।

📿गुरु प्रदोष व्रत महत्व
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ
गुरु प्रदोष व्रत पर भोलेनाथ की पूजा करने पर सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही साथ ही जिन लोगों के विवाह होने में दिक्कत आ रही हो तो इस व्रत को रखने से विवाह के योग बनते हैं। वहीं जीवन में धन- संपन्नता बनी रहती है। वहीं कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति होती है। साथ ही उनके अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।

      *♿ जय_महाकाल♿*