देवभूमि न्यूज 24.इन
सिरमौर जिला के शिक्षा खंड शिलाई में एक महत्वपूर्ण पांच दिवसीय पूर्व प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य शिक्षा खंड बकरास और शिलाई के अध्यापकों को पूर्व प्राथमिक शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित करना था। शिविर का आयोजन 18 से 22 मार्च तक खंड स्तोत्र समन्व्यक कार्यालय शिलाई में किया गया।
प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ
प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी गुमान सिंह द्वारा किया गया। गुमान सिंह ने इस अवसर पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के सही विकास के लिए अच्छे शिक्षकों की जरूरत है, और इस तरह के प्रशिक्षण से शिक्षकों के कौशल में सुधार हो सकता है।

प्रशिक्षण के पहले दिन का कार्यक्रम
पहले दिन शिविर में पूर्व प्राथमिक शिक्षा के महत्व और बच्चों के साथ व्यवहार करने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रशिक्षक ने बताया कि बच्चों का मानसिक विकास प्रारंभिक अवस्था में ही बहुत तेजी से होता है, और यह समय उनके लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान यह बताया गया कि बच्चों का मस्तिष्क 85 प्रतिशत तक विकसित हो जाता है, और इस विकास को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को उनके साथ व्यवहार करना चाहिए। इसके अलावा, शिक्षक यह समझने की कोशिश करें कि बच्चे कैसे सीखते हैं और उनके मनोविज्ञान को किस तरह से समझा जाए।
दूसरे दिन की गतिविधियां
दूसरे दिन, बच्चों के सर्वांगीण विकास पर चर्चा की गई। प्रशिक्षक ने पंचमय कोष के माध्यम से बताया कि बच्चों के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और बौद्धिक विकास के बीच एक सामंजस्य होना चाहिए। इस दिन यह भी बताया गया कि एक अच्छे शिक्षक को बच्चों के विकास के प्रत्येक पहलू पर ध्यान देना चाहिए। इसके बाद, आगामी सत्र में बच्चों के लिए ‘हिमवाटिका’ नामक पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई, जिसे भविष्य में अपनाया जाएगा।

तीसरे दिन की कार्यशाला
तीसरे दिन बच्चों के सोचने और गणना क्षमता को बढ़ाने के लिए ‘मैंथ गेम’ के बारे में चर्चा की गई। यह गेम बच्चों के मानसिक विकास को और अधिक तेज करने में मदद करता है। शिक्षक को यह बताया गया कि किस तरह से इन खेलों का इस्तेमाल कर बच्चे मजे-मजे में सीख सकते हैं। इस दिन समूहों में कार्य किया गया, जिससे सभी शिक्षकों को बच्चों के साथ काम करने का अनुभव हुआ और उनकी शिक्षा शैली को बेहतर बनाने के तरीके पर चर्चा की गई।
चौथे दिन की गतिविधियां
चौथे दिन, शिविर में सामुदायिक स्कूल के साथ सामंजस्य बनाने और समाज में शिक्षा के महत्व पर चर्चा की गई। प्रशिक्षकों ने बताया कि विद्यालयों में एक स्वस्थ और सहयोगी माहौल होना चाहिए, ताकि बच्चे पूरी तरह से विकसित हो सकें। इसके अलावा, ‘इंग्लिश मैजिक’ नामक एक कार्यक्रम के बारे में भी बताया गया, जो बच्चों को अंग्रेजी भाषा में रुचि उत्पन्न करने और उन्हें आसानी से अंग्रेजी सिखाने में सहायक होगा।
अंतिम दिन की चर्चा
अंतिम दिन, विद्यार्थियों के मूल्यांकन पर चर्चा की गई। इस दिन यह बताया गया कि कैसे शिक्षक बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को समझ सकते हैं और उनके विकास का सही मूल्यांकन कर सकते हैं। यह भी बताया गया कि शिक्षक को बच्चों के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहिए ताकि वे अपने शिक्षकों से डरने के बजाय उन्हें अपना मार्गदर्शक समझें।
शिविर में उपस्थित व्यक्ति
इस प्रशिक्षण शिविर में प्रमुख रूप से प्रशिक्षक प्रदीप कुमार जेबीटी, बलबीर सिंह जेबीटी, खतरी तोमर जेबीटी और प्रथम संस्था के भीम सिंह उपस्थित रहे। सभी ने अपने अनुभव साझा किए और शिक्षकों को बेहतर तरीके से बच्चों को सिखाने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान किया।
इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर ने शिक्षकों को न केवल बच्चों के शैक्षिक विकास के बारे में समझने का मौका दिया, बल्कि उन्हें यह भी सिखाया कि किस तरह से वे बच्चों को मानसिक, भावनात्मक और बौद्धिक रूप से बेहतर बना सकते हैं। यह शिविर शिलाई और बकरास के अध्यापकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जो भविष्य में बच्चों की शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक होगा।