शिमला में 1 अप्रैल से 30 जून तक टाकरी लिपि तथा द्वितीय राजभाषा संस्कृत का मूलभूत ज्ञान देने के लिए कार्यशाला

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देवभूमि न्यूज 24.इन

भाषा एवं संस्कृति विभाग प्रदेश के साहित्य व संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए निरन्तर प्रसासरत्त है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा समय-समय पर पूरे प्रदेश भर में अनेक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए विभाग द्वारा 1 अप्रैल से 30 जून तक गेयटी थियेटर के सम्मेलन कक्ष में टाकरी लिपि तथा द्वितीय राजभाषा संस्कृत का मूलभूत ज्ञान देने हेतु एक कार्यशाला /अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन करवाने का निर्णय लिया गया है।

विभाग के निदेशक, डॉ. पंकज ललित ने बताया कि टाकरी लिपि उत्तर भारत में शारदा लिपि का ही एक रूप है।

चौदहवी शताब्दी से बीसवीं सदी के शुरूआती दशकों में इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता था। इस लिपि का प्रयोग रिकार्ड, संस्मरण, राज्य आदेश, नोटिस तथा दिन-प्रतिदिन के कार्यों में किया जाता था। हिन्दी और उर्दू के साथ पहाड़ी राज्यों की अदालत में भी टाकरी लिपि एक अधिकारिक भाषा थी। हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में पत्थर, लकड़ी, ताम्र-पत्र, मोहरों और शिलालेखों पर बड़ी संख्या में टाकरी लिपि के शिलालेख पाए गए हैं। ये शिलालेख पहाड़ी राज्यों के इतिहास, संस्कृति और सामाजिक व आर्थिक परिस्थितियों पर पर्याप्त प्रकाश डालते हैं। अतः विशेष रूप से युवा पीढ़ी को इस सांस्कृतिक धरोहर से अवगत करवाने हेतु इस कार्यशाला/अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश की द्वितीय राजभाषा देववाणी संस्कृत के उन्नयन हेतु भी विभाग द्वारा इस कार्यक्रम के माध्यम से संस्कृत भाषा का प्रारम्भिक ज्ञान दिया जाएगा।

टाकरी लिपि का प्रशिक्षण डॉ. किशारी लाल चंदेल सहायक प्रोफेसर (इतिहास) तथा संस्कृत भाषा का प्रशिक्षण डॉ. मस्तराम शर्मा, सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक एवं पूर्व सचिव, संस्कृत अकादमी द्वारा दिया जाएगा।

उक्त कार्यशाला का आयोजन गेयटी थियेटर के सम्मेलन कक्ष में सायं 5.30 बजे से 6.30 बजे तक किया जाएगा। सोमवार, मंगलवार तथा बुधवार को टाकरी लिपि तथा वीरवार, शुक्रवार व शनिवार को संस्कृत भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कार्यशाला में युवा वर्ग तथा प्रौढ़ वर्ग सभी भाग ले सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए विभागीय दूरभाष नम्बर-0177-2626615 पर सम्पर्क कर सकते हैं तथा ई-मेल dirlculture@gmail.com पर प्रतिभागिता सम्बन्धी सूचना से अवगत करवा सकते हैं।