देवभूमि न्यूज 24.इन
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पुलिस के कुछ अधिकारियों को एमएलए की सर्विलांस करने में लगाया गया है। कौन किससे मिल रहा है, इसका पता करने को कहा जा रहा है। दो साल में हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था तार-तार हुई हैं। पुलिस अधिकारियों में समन्वय नहीं है। ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई। पुलिस विभाग को अनुशासन के लिए जाना जाता है, पर यहां ऐसा नहीं है। एक आला अधिकारी तो ऐसे हैं, उन्हें जिला ही नहीं, पूरा प्रदेश दे रखा है। नशे के खिलाफ जहां विपक्ष की जरूरत होगी, वहां साथ चलने को तैयार हैं।


सदन में बजट अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान से पहले कटौती प्रस्ताव लाकर चर्चा शुरू करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कानून के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए। केवल प्रताड़ित करने के उद्देश्य से कार्रवाई करना सही नहीं है। क्या जरूरत है कि विधायकों को आठ-आठ घंटे बैठाया जाता है। जयराम ने सीएम की ओर इशारा कर चुटकी भी की – आपकी सरकार बच गई, अब इसे चलाइए।
कहा कि प्रदेश में चिट्टे के कारण कई लोग तो सड़कों पर ही मृत पाए गए हैं। हिमाचल प्रदेश में कांट्रैक्ट किलिंग की घटनाएं शुरू हो चुकी हैं। पूर्व विधायक का बेटा दो महीने जेल में रहता है। उसके बाद विधायक पर घर में हमला होता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। पालमपुर में एक लड़की का गला काट दिया गया। जांच की बातें तो हो रही हैं, मगर अभी तक कुछ नहीं हुआ है। सुंदरनगर में नलवाड़ मेले में रात को खालिस्तान के नारे लगते हैं। ये कौन लोग हैं और इन्हें पकड़ा क्यों नहीं जा रहा है। नयना देवी में छह साल की बच्ची से दुष्कर्म हुआ। पुलिस पर शराब माफिया ने हमला किया। वनरक्षक को तस्कर गाड़ी से घसीटकर ले गया। मंडी में एक आईएएस अफसर खनन माफिया को रोकने जाते हैं तो दांत तोड़ दिए जाते हैं।

चाहे शोंगटोंग हो या पेखूबेला, इनमें गड़बड़ियां, हमारे पास तथ्य
जयराम ने कहा कि एचपीपीसीएल का एक मुख्य अभियंता लापता होता है। बाद में शव मिलता है। परिजन सीबीआई जांच चाहते हैं, पर सरकार मालूम नहीं क्यों डर रही है। पांच दिन बाद शव मिलता है, तब तक पुलिस क्या करती है। यह सवाल लापता होते ही उठ रहे थे। कहा कि चाहे शोंगटोंग हो या पेखूबेला हो, इसमें गड़बड़ियां हुई हैं। हमारे पास तथ्य आ रहे हैं। यह हत्या है या आत्महत्या है, इसकी जांच होनी चाहिए। राज्य सरकार को सीबीआई जांच करनी चाहिए, क्योंकि सरकार और अधिकारियों पर भी उंगलियां उठ रही हैं।