हिंदू नववर्ष के दिन इन पवित्र तोरण से करें देवी-देवताओं का स्वागत

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देवभूमि न्यूज 24.इन

हिंदू नववर्ष भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक प्रमुख पर्व है, जिसे पूरे देश में हर्षोल्लास और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह दिन पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को आता है और इसे विक्रम संवत के आरंभ के रूप में जाना जाता है। इस दिन को विशेष रूप से भगवान ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना का दिन भी माना जाता है। हिंदू नववर्ष का स्वागत कई शुभ कार्यों से किया जाता है, जिनमें घर की साफ-सफाई, पूजा-पाठ, दान-पुण्य और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान शामिल हैं। इन्हीं परंपराओं में से एक महत्वपूर्ण परंपरा है- मुख्य द्वार पर तोरण लगाना। तोरण को घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रतीक माना जाता है।

कौन-से पत्तों का तोरण लगाना चाहिए?आम के पत्ते: आम को देवी-देवताओं का प्रिय वृक्ष माना जाता है। इसके पत्तों का तोरण लगाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

नीम के पत्ते: नीम अपने औषधीय गुणों के कारण महत्वपूर्ण है। इसके पत्तों से बना तोरण घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखता है।

अशोक के पत्ते: अशोक वृक्ष को दुखों का नाश करने वाला माना जाता है। इसके पत्तों से बना तोरण घर में खुशहाली और समृद्धि लाता है।

केले के पत्ते: केले को धार्मिक कार्यों में अत्यंत शुभ माना जाता है। केले के पत्तों का तोरण घर में देवताओं का वास बनाए रखता
तोरण लगाने से मिलेंगे ये लाभ

देवी-देवताओं की कृपा
मान्यता है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को हरे पत्तों से बना तोरण अत्यंत प्रिय होता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

वास्तु दोष निवारण
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाने से नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करती हैं।
शुभता और मंगलकारी ऊर्जा
तोरण का उपयोग शुभ कार्यों और त्योहारों पर किया जाता है, जिससे घर में मंगलकारी ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।
तोरण लगाने की विधि:
सबसे पहले घर के मुख्य द्वार को साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें।
आम, नीम, अशोक, या केले के पत्तों से तोरण बनाएं।


तोरण को हल्दी और कुमकुम से पूजन करें।
इसे मुख्य द्वार के ऊपर बांधें और घर के सदस्यों के साथ मिलकर मंगल कामना करें।
भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की प्रार्थना करें और सुख-समृद्धि की कामना करें।