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चैत्र नवरात्रि में इस बार बदलाव देखने को मिल रहा है। पंचांग के अनुसार इस बार दूसरा और तीसरा नवरात्र एक ही दिन मनाया जाएगा यानि की आज। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने का विधान है। माता के मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्रमा चिन्हित है, यही कारण है कि मां को चंद्रघंटा कहते हैं। मां चंद्रघंटा की पूजा करने से मानसिक शांति, आंतरिक शक्ति, और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। उनके गले में सफेद फूलों की माला सुशोभित है।

उनके बारे में कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से उनकी पूजा करता है, उसे किसी भी संकट से मुक्ति मिल जाती है। मां चंद्रघंटा की पूजा विशेष रूप से साधकों को मानसिक शांति, समृद्धि और शौर्य की प्राप्ति के लिए की जाती है। उनके नाम का उच्चारण करते ही व्यक्ति का हर प्रकार का संकट दूर हो जाता है और वह दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करता है। इस आर्टिकल में जानेंगे मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, मंत्र और भोग के बारे में।मां चंद्रघंटा की पूजा विधि
पूजा के स्थान को स्वच्छ और पवित्र करें। एक लकड़ी की चौकी पर देवी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। आसन पर बैठकर पूजा प्रारंभ करें।

एक लाल रंग का कपड़ा रखें क्योंकि लाल रंग को मां दुर्गा के प्रिय रंगों में से एक माना जाता है।
पूजा में शुद्ध जल, फूल, दीपक, धूप, अक्षत , मिठाई, फल, चंदन, और मिष्ठान रखें।
पूजा स्थल पर दीपक और धूप जलाकर मां चंद्रघंटा का स्वागत करें। इससे वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
दीपक में घी या तेल का प्रयोग करें, जिससे पूजा की सफलता में वृद्धि होती है।

पूजा के दौरान करें इन मंत्रों का जाप
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
ऐं श्रीं शक्तयै नम:
मां चंद्रघंटा को लाल रंग के फूलों का चढ़ावा अर्पित करें क्योंकि लाल रंग उनके प्रिय रंगों में से एक है।
पूजा के बाद मां चंद्रघंटा की आरती गाएं। आरती के दौरान श्रद्धा से उनका गुणगान करें और उन्हें धन्यवाद दें।
मां चंद्रघंटा को अर्पित करें ये भोग

खीर- मां चंद्रघंटा को विशेष रूप से मीठे और स्वादिष्ट भोग अर्पित करना प्रिय है। खीर को दूध, चावल और चीनी के साथ बनाया जाता है। इनसे मां को अधिक प्रसन्नता होती है और भक्तों को उनके आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
पंचामृत- मां चंद्रघंटा को पंचामृत अर्पित करने का विशेष महत्व है। पंचामृत के पांचों तत्व न केवल शारीरिक और मानसिक शुद्धता का प्रतीक हैं बल्कि ये पांचों तत्व देवी के पांच गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
दूध- कच्चा दूध शुद्धता और दिव्यता का प्रतीक है। इसे अर्पित करने से वातावरण शुद्ध होता है और मानसिक शांति मिलती है। यह मां चंद्रघंटा के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए आवश्यक एक शुद्ध माध्यम है।